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(देव शिल्प
(२८३)
पुण्यक्ष
श्वे. - कुसुम दिग. कृष्ण हिरणा
श्वे.
नील
हिरण
विशे. वर्ण वाहन भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
चार*
चार
माला वरदा-1 ढाल अभय
फल, अभय नेवला, माला
मनोवेगा देवी (मोहिनी)
श्वे.- अच्युता (श्यामा) दिग. सुवर्ण घोड़ा
श्वे. कृष्ण
विशे. वर्ण वाहन भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
चार
चार**
तलवार, वरदान ढाल. फल
वरदान, बाण धनुष, अभय
---------ॉनौवेंगा ( मोहिना) देवी
पुष्प यक्ष*(पालांतर- वसुनंदि प्रतिष्ठा कल्प में दो भुजा) * *आचार दिनकर में - दाहिने हाथ में चस्पान, पाश
बायें हाथ में बिजौरा, अंकुश