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(देव शिल्प
(२५६) तीर्थंकरों के चिन्ह तीर्थंकर प्रतिमाओं का स्वरुप वीतराग तथा समान होता है। उनको पहचान करने के लिये उनके चिन्ह निर्धारित किये जाते हैं। इनका निर्धारण सौधर्म इन्द्र के द्वारा प्रभु के जन्माभिषेक के अवसर पर उनके दाहिने अंगूठे पर बने चिन्ह को देखकर किया जाता है। यही चिन्ह प्रभु की प्रतिमा की पादपीठ पर लगाया जाता है।
चौबीस तीर्थंकरों के चिन्हों की सारणी क्रमांक तीर्थंकर । चिन्ह (दिग.) | चिन्ह (श्वे.)
ऋषभ-गाथ
अजितनाथ
गज
गज
संभवनाथ
अश्व
PAU वानर
Ix
अभिनंदननाथ
वापर
सुमतिनाथ
चकवा
क्रौंच पक्षी
पाप्रभु
कमल
लाल कमल
ool स्वस्तिक
सुपार्श्वनाथ
स्वस्तिक