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________________ (देव शिल्प) वेदी निर्माण करते समय ध्यान रखने योग्य बातें१. वेदी पोली न बनायें। वेदी ठोस हो बन्गट। २. वेदी में एक या तीन कटनियों का ही निर्माण करें। ३. दो अथवा चार या अधिक कटनियां नहीं बनायें। ४. मूल नायक प्रतिमा बेदी के ठीक मध्य में स्थापित करें। ५. गूल-गायक की प्रतिमा से बड़े आकार की प्रांतेना बेटी पर स्थापित न करें। ६. मूल नाराक प्रतिमा का चिन्ह स्पष्टतया वृष्टिगोचर हो । वेदी में मूल-गायक प्रतिमा के अतिरिक्त प्रतिमाएं यदि स्थापित की जाती हैं तो उनमें पर्याय अन्तर रखना अत्यंत आवश्यक है। एक प्रतिभा से दूरारी प्रतिमा के मध्य में प्रतिमा के मान रो आधी दूरी का अन्तर रखना आवश्यक है। ८. प्रतिभा दीचाल से चिपकाकर न रखें तथा वेदो दीवाल से चिपकाकर न बनाएं। ९. स्थापित मूर्तियां पृथक-पृथक हों। आपस में संघर्ष न हो। १०. भूलनायक प्रतिमा पूरे परेिकर एवं यक्ष यक्षिणी सहित ही बनायें । ११. यदि यक्ष- यक्षिणी की प्रतिमाएं मूल वेदी से पृथक स्थापित करना हो तो मूल वेदी के दाहिनी और यक्ष की प्रतिमा की वेदी स्थापित करना चाहिये । मूलनायक के बायें ओर यक्षिणी की प्रतिमा स्थापित करें। १२. मूल नायक प्रतिमा यदि अचल यंत्र से स्थापित की गई हैं तो उसे किंचित भी विस्थापित नहीं करना चाहिये। १३. कोई भी वेदी दीवाल से सटाकर न बनायें। १४. परिक्रमा के लिये उपयुक्त स्थान अवश्य रखें। १५. प्रतिमा के परिकर में भामंडल के स्थान पर यंत्र नहीं लगाना चाहिये। १६. प्रतिमा के नीचे अथवा चिन्ह के रधान को ढांककर यंत्रों को कदापि न रखें। १७. यथासंभव प्रतिमा की वेदी समचतुरय वर्गाकार ही निर्माण करें। ५८. गोल वेदी अथवा कोगे कटी हुई वेदी कदापि न बनवायें। १९. मूलनायक प्रतिमा पदमासनस्थ आकृति में करना चाहिये। २०. मूलनायक प्रतिमा तीर्थंकर प्रशु की ही बना-।। चाहिये। २१. किरा तीर्थधार की प्रतिगा मूलगायक बनाना है, इसके लिये मन्दिर निर्माता तथा तीर्थकार के जन्म नक्षत्रादि का गुण मिलान अवश्य करना चाहिये। २२. प्रत्येक वेदी पर कलश स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है। २३. वेदियों पर ध्वजा अवश्य ही लगायें। २४. वैदियों पर लगायी गई तोरण इतनी बड़ो न हो कि उससे भीतर स्थापित प्रतिमाएं ढक जायें। २५. यदि देदी लम्बाई में चौड़ाई से किंचित भो लन्यी हो तो दोषकारक है। सगचतुरस वेदी हो सर्वश्रेष्ठ है।
SR No.090130
Book TitleDevshilp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnandi Maharaj
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size9 MB
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