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भजन संख्या
४२. कबधो मिले मोहि श्री गुरु मुनिवर ४३. गुरु कहत सीख इमि बार-बार
४४. जिन राग- -द्वेष त्यागा, वह सत्गुरु हमारा ४५. धनि मुनि, जिनकी लगी लौ शिवओरने
४६. धनि मुनि जिन यह भाव पिछाना
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४७. धनि मुनि निज आतमहित कीना
तीर्थंकर - भजन
४८. देखो जी आदीश्वर स्वामी, कैसा ध्यान लगाया है
४९. जय श्री ऋषभ जिनंदा
५०. भज ऋषिपति ऋषभेश ताहि नित, नमत अमर असुरा
५१. मेरी सुधि लीजै, ऋषभ स्वाम
५२. निरख सखी ऋषिन को ईश, यह ऋषभ जिन
५३. चलि सखि देखन नाभिराय घर, नाचत हरि नटवा
५४. जगदानंदन जिन अभिनंदन, पद अरविंद नमूं मैं तेरे ५५. पद्मसद्म, पद्मापद पद्मा, मुक्तिसद्य दरशावत है ५६. चन्द्रानन जिन चन्द्रनाथ के
५७. जय जिन वासुपूज्य, शिवरमनी रमन
५८. वारी हो बधाई या शुभ साजै
५९. कुंथन के प्रतिपाल कुंधु जगतार
६०. अहो नमि जिनप, नित नमत शत सुरप
६१. नेमि प्रभु की श्यामवरण छवि
६२. भाखूँ हित तेरा, सुनि हो मन मेरा
६३. लाल कैसे जाओगे, असरन सरन कृपाल
( xxi )
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