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विषयानुक्रमणिका
पृ.सं.
. i-ix
१-३४
३५-६०
क्रम संख्या प्राक्कथन
. डॉ० अशोक कुमार सिंह भूमिका : नियुक्ति साहित्य : एक पुनर्चिन्तन
प्रोफेसर सागरमल जैन प्रथम अध्याय : छेदसूत्र और दशाश्रुतस्कन्ध
आगम ग्रन्थ ३५, आगम प्रणयन ३६, छेद-- शब्द-व्युत्पत्ति ३९, उत्तमता ३९, नामकरण ३९, छेदसूत्र संख्या ४०, सामान्य विषय-वस्तु ४१, दशाश्रुत स्कन्ध : परिचय - कालिक ग्रन्थ ४१, रचना-प्रकृति ४२, रचनाकाल ४२, विच्छेद ४२, स्रोत ४३, विषय-वस्तु ४३, विषय-वस्तु महत्त्व ५१, दशाओं का पौर्वापर्य एवं सामजस्य ५२, व्याख्या साहित्य ५३, प्रकाशन ५४, कल्पसूत्र -
व्याख्या साहित्य ५५, प्रकाशन ५६| द्वितीय अध्याय : नियुक्ति-संरचना और दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति
नियुक्ति-संरचना ६१, निक्षेप सिद्धान्त और नियुक्ति साहित्य ६२, दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति संरचना
६८, प्रतिपाद्य ६८ तृतीय अध्याय : छन्द-दृष्टि से दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति : पाठ
निर्धारण
समान्तर गाथायें ९९ चतुर्थ अध्याय : दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति में इङ्गित दृष्टान्त
१. अधिकरण सम्बन्धी द्विरुक्तक दृष्टान्त १२०, २. चम्पाकुमार नन्दी या अनङ्गसेन दृष्टान्त १२२, ३. भृत्य द्रमक वृत्तान्त १३८, ४. क्रोध कषाय विषयक मरुक दृष्टान्त १४०, ५. मानकषाय
६१-७९
८०-११८
११९-१४८