________________
सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची
अनुयोगद्वारसूत्र
: सं० मधुकरमुनि, जिनागम ग्रन्थमाला, सं०
२८, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर,
१९८७। अर्धमागधी डिक्शनरी : शतावधानी मुनि रतनचन्द्र, अमर पब्लि
केशन्स, वाराणसी, पुनर्मुद्रण १९८८।। अष्टप्राभृत, कुन्दकुन्द : अनु० राजीभाई छगन भाई देसाई,राजचन्द्र
जैन शास्त्रमाला १०, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, आगास
१९६९/ उत्तराध्ययनसूत्र
: सं.जे.शाण्टियर,आर्काइन ओरिएण्टल्स,
खण्ड १८, उपशाला १९२२। अंगपण्णत्ति, शुभचन्द्र : हि० अनु० एवं सं० आर्यिका सुपार्श्वमती
हीरक जयन्ती प्रकाशन पु० मा० ६५,
भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत्परिषद्, १९९०। कल्चरल स्टडी आन द निशीथचूर्णि : डॉ० मधु सेन, पी०वी० सिरीज २१,
पी०वी० रिसर्च इंस्टीच्यूट, वाराणसी १९७५/ द कैनानिकल लिटरेचर आव द : प्रो० एच० आर० कापडिया, लेखक, सूरत जैनाज़
१९४१। गवर्नमेण्ट कलेक्शन ऑव : प्रो० एच० आर० कापडिया, भाण्डारकर मैनुस्क्रिप्ट्स, खण्ड १७, भाग-२ ओरिएण्टल रिसर्च इंस्टीच्यूट, पूना १९३६/ गोम्मटसार (जीवकाण्ड)
नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, सं० डॉ० ए० एन० उपाध्ये एवं पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, ज्ञानपीठ मूर्ति देवी जैन ग्र० मा० प्रा० ग्र० १४, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली १९७८