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________________ सत्र ५६४-५६५ अन्यतौर्थिक या गृहस्थ के मैस निकालने के प्रायश्चित्त सूत्र चारित्राचार ३८५ जेभिक्खू अमरस्थियास वा, गारत्थियस्स या काय जो भिक्षु अन्यतीथिक या गृहस्थ के शरीर को, संबाहेज्ज वा, पलिमद्देन बा, मर्दन करे, प्रमर्दन करे, मर्दन करवावे, प्रमर्दन करवावे, संबा: बा, पलिमहतं वा साइज । मदन करने वाले का, प्रमर्दन करने वाले का अनुमोदन करे । जे भिक्खू अण्णउत्यियस्त वा, गारस्थियस्स वा कार्य जो भिक्षु अन्यतीथिक या गृहस्थ के शरीर पर, तेस्रोण वा-गाव-गवगोएग बा, तेल-यावत्-मपन, मखेड पा, मिलिगेग्न बा, मले, बार-बार मले, मलयावे, बार-बार मनबाब, मवेत बा, मिलिगेंतं वा साहस मलने वाले का, बार-बार मलने वाले का अनुमोदन करे । जे भिक्षु अण्ण उस्थियास वा, गारस्थियस्त वा कार्य जो भिक्षु अन्यतीथिक या गृहस्थ के शरीर पर, लोवेण वा-जाब-वणेग वा, सोध-यावत् --नणं का, उल्लोलेग्ज वा, उस्बट्टज्ज वा, उबटन करे, बार-बार उबटन करे, उबदन करम', बार-बार उबटन करवावे, उल्लोलतं वा, सम्वदृतं वा साइज्जइ । उबटन करने वाले का, बार-बार उबटन करने वाले का अनुमोदन करें। जे भिक्लू अण्णउत्थियस्स वा, गारस्थियस्स वा कार्य जो शिक्षु अन्यतीथिक या गृहस्थ के शरीर को, सोओबग-वियोण बा, उसिणोवग-वियोण बा, अचित्त शीत जल से या अचित्त उष्ण जल से, उच्छोसेन्जबा, पधोएज्ज वा, धोये, बार-बार धोये, धुलवाने, बार-बार धुलवावे, उच्छोलेंत वा, पधोएंतं वा साइज्जइ । धोने वाले का, बार-बार धाने वाले का अनुमोदन करें। जे भिखू अग्नस्थियस्स या, गारत्वियस्स या, जो भिक्षु अन्यतीर्थिक या गृहस्य के शरीर कोफूमेज वा, रएकमवा, रंगे, शार-बार रंगे, रंगवावे, बार-बार रंगवावे, फूतं बा, रएस वा माइग्जा। रंगने वाले का, बार-बार रंगने वाले का अनुमोदन करें। स सेवमाणे मारना चाउम्मासियं परिहारट्ठामं अणाधाइय। उसे चातुर्गासिक अनुघातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित) -नि. उ. ११, सु. १७-२२ आता है: अण्णतिस्थियस्स गारत्थियस्स मलपिहरणपायच्छित्त अन्यतीधिक या गृहस्थ के मैल निकालने के प्रायश्चित्त सुत्ताई सूत्र५६५. जे मिक्स अण्णउस्थि यस्स वा, गाररियवस्स वा ५६५. जो भिक्षु अन्यतोथिक या गृहस्थ केअग्छिमल बा, हम्णमल वा, वंतमलं वा, नमसं वा, आँख के मैल को, कान के मैल को, दात . मैल को, नत्र के मैल को--- मोहरेज वा, विसोहेनछावा, दूर करे, शोधन करे, दूर करवावे, शोधन करवाये, नीहरत वा, विसौहेतं वा साइजाइ । दूर करने वाले का, शोधन करने वाले का अनुमोदन करे। जे मिक्खू अण्णास्थियस्स बा, गारश्यियस्स था जो भिक्षु अन्यतीथिक या गृहस्थ के - कायाओ, सेयं वा, जल्स बा, पंक वा, मलं वा, गरीर के स्वेद (पसीन.) को, जल्ल (जमा हुआ मैल) को, पंक (लगा हुआ कीचड़) को, मल्ल (लगी हुई रज) को, नोहरेज वा, विसोहेज्ज बा, दूर करे, शोधन करे, दूर करवावे, शोधन करवावे,
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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