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ॐ हीं मनसा कृतदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महावतप्रोषधोद्योतनाय नमः।। १।। ॐ हीं मनसा कारितदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाव्रतप्रोषधोद्योतनाय नमः।। २।। ॐ ह्रीं मनसानुमोदितदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाव्रतप्रोषधोद्योतनाय नमः।। ३|| ॐ हीं वचसा कृतदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाव्रतप्रोषधोद्योतनाय नमः।। ४।। ॐ हीं वचसा कारितदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाव्रतप्रोषधोद्योतनाय नमः ।। ५।। ॐ हीं वचसानुमोदितदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाव्रतप्रोषधोद्योतनाय नमः।। ६।। ॐ हीं वपुषा कृतदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाव्रतप्रोषधोद्योतनाय नमः।। ७।। ॐ हीं वपुषा कारितदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाव्रतप्रोषधोद्योतनाय नमः ।। ।। ॐ हीं वपुषानुमोदितदेवस्त्रीरसनेंद्रियविषयाब्रह्मविरति महाबलप्रोषधोद्योतनाय नमः।। ६||
इति ब्रह्मव्रतस्य सप्तमः प्रकार: ३७
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