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ॐ
नमः श्रीसर्वज्ञाय | स्वर्गीय कविवर द्यानतरायजीकृत
चरचा - शतक ।
सुगम हिन्दी टीकासहित ।
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सम्पादक
देवरी (सागर) निवासी नाथूराम प्रेमी ।
प्रकाशक
• छगलमल बाकलीवाल
मालिक
श्रीजैन ग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, बम्बई ।
दिसम्बर, सन् १९२६ ई० ।
द्वितीयावृत्ति ]
[ मूल्य एक रु०