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(९९) 'जाकर मिली है । इस कारण पूर्वविदेहके आठ क्षेत्रोंके सोलह
क्षेत्र हो गये हैं । ऐसे ही पश्चिम विदेहमेंसे सीतोदा नदी बही है और उससे पश्चिम विदेहके भी सोलह क्षेत्र हो गये हैं। दोनों विदेहोंके सब मिलाकर ३२ क्षेत्र हैं।
पूर्व विदेहमें श्रीमंधर और युग्मंधर तथा पश्चिमविदेहमें बाहु और सुबाहु इस तरह चार तीर्थंकर विद्यमान हैं। उन्हें मैं नमस्कार करता हूं। वे तीनों लोकोंके स्वामी हैं ।
जम्बूद्वीपके दक्षिण उत्तरका वर्णन । जंबूदीप दच्छिन उत्तर लाख जोजनको, भाग एकसौ नव्वै एक भरत भाइए । दोय हिमवन सैल चारि हेमवत खेत, महा हिमवन आठ सोलै हरि गाइए । ' बत्तीस निषध ए तिरेसठ उधै त्रेसठ,
बीचमैं विदेह भाग चौंसठ बताइए । . भाग पांच से छवीस कला छह उन्निसकी,
अठत्तर चैत्यालय सदा सीस नाइए॥७०॥ अर्थ-जम्बूद्वीपका दक्षिण उत्तर विस्तार एक लाख योजनका है । इसके १९० भाग करनेसे जो एक भाग