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चौतीस स्थान दर्शन
कोष्टक नबर
अनिवृत्तिकरण गुण स्थान में .
स्वान नाम सामान पालाप
स्थति
अपर्याय
नाना जीवों की अपेक्षा
एक जीव के नाना .
समय में
एक जीन के एक
समय में
१ गुण स्पान २ जीव समास
१ पनिवृनिकरण गुण स्थान । १ पंजी पंचेन्द्रिय पर्याप्त अवस्था
को नं१८ देखो
का भंग को नं.१८ के मुजिब
भग का भंग
६का भग
१. का भंग को २०१८ के मनिव
१.का मंग
के पति
की न.१ देली ४ प्राण
को नं०१ देतो
. परियह गति • इन्द्रिय जाति
संज्ञा
२
२-१के भग को नं.१८ के भूचित्र
दोनों भंग २-१ के मंन
..
: 1.11 में से कोई
मंग जानना
१ मनुष्य गति जानना १पंचेन्द्रिय जाति जानना !त्रमकाय जानना
योग
को ना ५ देखो
का भंग को नं०१८के मुजिब
१ मंग १ का भंग
योग के भंग में से कोई योग जानना
मग
।
1-1-1-- के भंग का नं.१
देखो
३-६-१-० के मंग :-१. भंग में में कोई कान- वो
जंग जानना
' को नं० १० देखो --५---३.१ के भग। 3-६-५-6-22-2. भगो जानना
मे मे कोई १ मंग मानना । को नं. १८ देखा ! को न०१८ देखो ।
११ कषाय
मंग्नन कषाय ४
बेद ३ थे ७ जानना
के जिव
---है,-२-१ के संग को नं.१
बानना