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________________ ५४८ पृष्ठ! पंक्ति ५४२ १-२ के बीच ५४२ ५४२ ५४२ १३ १९४३ ५४३ ૫૪૪ ५४४ १४५ ५४५ ५४५ ५४६ १ के नीचे ५४४ ८ ५४७ ܀ ५४७ 4 ५ ८ २ 1 ५ ४६ २ २ ८ अशुद्धता का ६ में का. २ मॅ ५४७ २ ५४७ १२ ५४७ १५ २ का. ३ में कर्मभूमि को अपेक्षा का. ७. में १ के ऊपर १ का ३ में कर्म भूमि की अपेक्षा ३ में कर्मभूमि का अपेक्षा क. ३ में कर्मभूमि की अपेक्ष का. ३ में कर्मभूमि की अपेक्षा का. ३ में तीनों गनियो में का. ३ में कर्मभूमि की अपेक्षा का ३ में कर्मभूमि की अपेक्षा ३ फर्म भूमि की में अपेक्षा ず का३ में कर्मभूमि की अपेक्षा का में कर्मभूमि की अपेक्षा का में कर्मभूमि की जपेक्षा. का. ३ में कर्मभूमि की अपेक्षा का. ३ में का ३ में कर्मभूमि की अपेक्षा का ६ में ३७-३८-९ का ६ में ४३-८ के का ६ में को. नं ७ * सुन्द्रा और को. न. १ देख १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिर्मच और मनुष्यगति में १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा नरक और कर्मभूमि की रुपेक्षी नियंच और मनुष्यगति में । १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिथंच और मनुष्य गति में । १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिथंच और मनुष्यगति में । देवगति छोटकर तीनों गतियों में. १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिष और मनुष्य इन दोनो गतियों में । १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिथंच और मनुष्यगति में । ? नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिस और मनुष्यगति में । १ तक और कर्मभुमि की अपेक्षा लियच और मनुष्यगति में । १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिर्वच और मनुष्यगति में 1 १ नरकगति और कर्मभूमि को . पेक्षा तिथेच और मनुष्य म दोनोगतियों में । १ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा नियंत्र और मनुष्यगतियो में | ३६ १ नरकगति और कर्मभूमि की अपेक्षा निष और मनुष्यगतियों में । ३७-३८-३० ४३ - ३०० के को. नं. ७५ को. नं.९८
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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