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१८ संज्ञी
तीस स्थान दर्शन
२
1
जी (१) नरक-देवगति में हरेक मे मंत्री जानमा को० नं० १६-१६ देदो (२) तिच गति में
१-१-१-१ के भंग को० नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में १-०-१ के भंग को० नं०] १८ देखी १
१६ श्राहारक
प्राहारक
२० उपयोग ज्ञानोपयोग दर्शनयोग ४ ये १२ जानना
चारों गतियों में ह क में
१ आहारक जानना
१२
(१) नरक गति में ५-६-६ के मंग को नं० १६ देखो (२) तिर्येच गति में
1
६७९)
कोटक २०६४
Y
१
१ अवस्था
को० नं० १६-११ को० नं० १६-१६ देखो देखो
१ मंग को० नं० १० देखो
Du
१ अवस्था को० नं० १७ देवो
|
१
१ अवस्था
को० नं० १८ देखो को०नं० १८ देखो
१ मंग को० नं० १६ देखो
१ मंग
१-५-५-६-६-५-६-६ को० नं० १७ देखो
के मंग
को० नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में
सारे भंग ५-६-६-७-६-७-२५ को० नं० १८ देखो ६-६ के भंग को० नं० १० देखो (४) देव गति में
२-६-६ के भंग को० नं० १६ देखो
(१) नरकगति में
हरेक में १ संज्ञी जानना
| को० नं० १६-१६ देखो (२) तिच गति में
१ भंग
१-१-१-१-१-१ के भंग को० नं० १० देखो
को० नं० १७ देखो
(३) मनुष्य गति में १-०-१ के मंग को० नं० १८ देखी
१ उपयोग को० नं० १६ देखो'
१ उपयोग को० नं० ११७ देखी
3
१ उपयोग को० नं० १० देखो
आहारक में
१ मंग
१ उपयोग को० नं० १९ देखी को० नं० ११ देखो
1
को० नं० १६-१६ देखो
चारों गतियों में हरेक में
१ आहारक जानना १० कुमदधि ज्ञान और | मनः पर्यय ज्ञान ये दो घटाकर (१०) जानना (१) नरक गति में को० नं० १६ देखो १ मंग ४-६ के मंग (२) तिर्यच गति में ३-४-४-३-४-४-४-६ के मंग को० नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में को० नं० १७ देखो ४-६-६-२-४-६ के भंग को० न० १० देखी (४) देवगति में
। ४-४-६-६ के मंग को न० १६ सो
कोल
को ०० १६०१६ देखो
1
१ मंग
१ अवस्था को० नं० १५ देखो को० नं० १० देखो
१ अवस्था
को०न० १० देखो
१ मंग को० नं० १६ देखो
सारे मंग को० नं० १८ देखी
१ भंग को० नं० १६ देखो
१ उपयोग
१ उपयोग को० नं० १६ देखो
। १ उपयोग को० नं० १७ देखी
१ उपयोग को० नं० १८ देखी १ उपयोग को० नं० ११ द