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________________ चौंतीस स्थान दर्शन १ १६ भव्यत्य भव्य, १७ सम्यक्त्व २ f को० नं० २६ देखो १८ संज्ञी प्रभव्य संज्ञी १ (२) तियंच यति में ६-३-३ के भंग को० नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में ६-३-१-३ के भंग को० नं० १६ देखो (४) देवगति में १-३-१-१ के मंग को० नं० १६ देखो २ चारों गतियों में हरेक में २-१ के भग-को० नं० १६ से १६ देखी (१) नक गति में १-१-१-३-२ के मंग को० नं० १६ देखो (D) गति में को० नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में १-१-१-३-३२-३१-१-१-३ के मंग-को० नं० १८ देखो (४) देवगति में १-१-१-२-३-२ के मंग को० नं० १६ देखो ܕ ( ६५८ ) कोष्टक नं० चारों गतियों में हरेक में १ मंजी जानना ४ १ भंग को० नं० १७ देखो १ मंग १-१-१-२-१-१-१-३ के भंग को० नं० १७ देखो सारे भंग को० नं० १० देखो १ मंग को० नं० १६ देखो सारे मंग [को० नं० १६ देखी १ अवस्था १ मंग को० नं० १६ से को० नं० १६ देखो से १८ देखो सारे मंग को० नं० १० देखो १ लेश्या को० नं० १७ देखो सारे भंग को० नं० १६ देखो १ १ लेश्या को० नं० १८ देखो १ लेश्या को नं० १६ देखो 2 चारों गतियों में हरेक में २-१ के मंगको० न० १६ से १६ देखो | ५ १ सम्यक्त्व मिश्र घटाकर (५) (१) नरक गति में १-२ के मंग-को० नं० १६ देखो को० नं० १७ (२) तिर्यक गति में देखो १-१-१-१-२ के भंग १ सम्यक्त्व को० नं०] १७ देखो को० नं० १८ (३) मनुष्य गति में देखो १ सम्यक्त्व को० नं० १६ देखो (२) तिर्यंच गति में ३-१ के भंग-को० नं० १७ देखी | (३) मनुष्य गति में ६-३-१ के भंग [को० नं० १८ देखो (४) देवगति में ३-३-१-१ के भंग को० नं० १६ देखो १ सम्यक्त्व को० नं० १६ देखो १ १ पर्यासवत जानना १ मंग १ वेश्या क० नं० १७ देखी को० नं० १७ देखो १ लेश्या को० नं० १० देखो. १ लेश्या को० नं० १६ देलो सारे भंग को० नं० १६ देखो १ मंग [को० नं० ११ देखो संज्ञी में १ अवस्था १ भन को० नं० १६ से को० नं० १६ से १९ देख १६ देखो सारे भंग को० नं० १६ देखो १ भंग [को० नं० १७ देखो सारे भंग १-१-२-२-१-१-२ के मंग को० नं० १ देखी को० नं० १८ देखी (४) देवगति में सारे भंग १-१-३ के भंग-को० नं० को० नं० १६ देखो १६ देखो I १ मम्यवरव को नं. १६ देखो १ सम्यक्त्व को० नं० १७ देखो सम्यक्त्व को० नं० १० देखो १ सम्यक्त्व को० नं० १६ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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