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________________ चातीस स्थान दर्शन कोष्टक नम्बर ६ क्षयोपशम सम्यक्त्व में U १४ दर्शन केवल दर्शन पार (३) मान्य गति में राउरे भंग संयम १... के भंग को नं. १८ देखो । को० नं०१८ को० नं०१८ देखो | भंग १दर्शन । १ दर्शन रक पनि मो .नं. १६ देखो को० नं०१६ (१) नरक गति में को० न०१६ देखो | को नं०१६ ६ का मंग-की नं०१६ । देखो का मंग-को० नं १६. | देखो देखो 12 यिन गति में भंग १ दर्शन (२fवत्र गति में १ भग १ दर्शन ६-३ के भंग-को नं० को० नं. १७ देखो को० नं. ७ भागभूमि में-१ का मंग- 'को.नं. १७ देखो ' को० नं०१७ देखो को० नं०१७ देखो देत्रो (३। मनुष्य गति में गारे भंग १ दर्जन ३) मनुष्य गति में | सारे भंग | १ दर्शन ३-३--2 के भंग को नं०१८ देखो कोन.१८ | ३-६-३ के मंग को नं - देखो | को नं.१% को नं. १ देखो देखो को० नं-१८ देवो (४) देवगति में १वन (४) देवानि में १ दर्शन ३ का मंग-को० नं १९ को नं०१६ देखो को नं.१९३-३ के भंग को नं. १६ देखो ! को नं०१६ देनो को नं० १६ देखो १ भंग श्या नरक मति में को० नं०१६ (१) नरक गति में कौन लां नो० नं०१६ का ममको १६ ३ का भग-को नं०१६दी १५ लेश्या को.नं.१देखो देखो (२ निर्यच गम ६-३- भंग एन. देखो (३) मनग्य गति में ६-..के भंग फो.नं.१- देशी (6) देवमति में १-2-१-१ के भग को न०१६ देखो भं ग १ लेश्या नियंच गनि में भंग १लेश्या को० नं. १७ भोग भूमि में-३ का भंग गोल नं. १७ देशो को००१७ | कोः नं०१७ देखो सारे भंग १ लेश्या । (३) मनुष्य गति में सारे भंग १ लेश्या को० नं०१८ देखो को नं०१८ ३-३-3 के भंग को न०१८ देखो | को० नं०१८ को० नं०१८देखो लेण्या । (४) देवगति में भंग १लेश्या को नं०१६ देखो को. नं.१६ -१-१-मंग को नं. १६ देखो को न १६ देखो की.नं. १६ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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