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________________ चातीस स्थान दर्शन कोष्टक नम्बर ८६ मिश्र में (सम्यक्त्व मार्गणाका ३रा भेद) ६-3-5 २१ व्यान को न देखो मारे भंग १ ध्यान को००१६म १६ देखो को२०१६ से १६ देखो ! २२ याखव ४३ नं. ३ देखो को० नं० १६ दलो । को नं १६ देखो ०१: देखो चारों गतियों में हरेक में एका भंग-को० नं०१६ मे १६ देखो (१) नरक गति में ४० का भंग-को. नं०१६ देखो (२) लियंच गति में ४२-४१ के भंग-को - देखो (३) मनुष्य गति में ४२-४१ के मंग-को.नं०१८ देखो (४) देवयति में ४१-४० के मंग-कोनं०१६ देखो नरक गति में २५ का मग-को० नं०१६ देखो (२) तिर्यंच गति में ३०.२६ के मंग-को. नं०१७ देखो (३) मनुष्य गति में ३०-२६ के भंगको० नं. १८ देखो (४) देवगति में २४-२६-२३ के भंग-को० न०१९ देखो सारे भंग को देखो __सारे भंग को० नं०१८ देखो सारे भंग को० नं. १६ देखो सारे मंग को.नं. १६ देखो नं. १८ देखो को.नं. ११ देखो ३३। २३ भाव को००१ देखो १ मंग को० नं०१६ देखो सारे भंग को० न०१७ देखो । सारे भंग को० नं०१८ देखो सारे मंग १ भंग को.नं१७ देखो १ भंग को २०१८ देखो १ भग को.नं. १६ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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