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मुचना कोई प्राचार्य क्षायिक भाव , जीवस्व ? १० मानते हैं। अवगाहना-३॥ हाथ मे ५२१ धनुष नक जानना । बंध प्रकृतियां--प्रवन्ध जानना । उदय प्रकृतियां-अनुदय जानना । सत्त्व प्रकृतियां--सत्ता रहित अवस्था जानना । संख्या-अनन्त जानना । क्षेत्र-४५ लाख योजन सिद्ध शिला अपेक्षा जानना। स्पर्शन--निद्ध भगवान् स्थिर रहते हैं। काल-गर्वकाल जानना। अन्तर-कोई अन्तर नहीं। जाति (योनि)-जाति नहीं। कुसल नहीं।