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________________ वातीस स्थान दशन कोष्टक ०७६ शुक्ल लेश्या में को न देखो कोल्नं०१५ देखो (२) मनुप्य गति में । मारे भंग भंग | (6) देवगति में सारे मंगभंग २५-२१-१७-१३-११-१३. को० न०१८ देखो कोनं १- देखो -१६-२१-28-१६ को.नं.१६ देखो कोनं. १:देखो | के भंग २... के भंग | कोलनं. १६ देवो को० नं0 देखो (3) देवति में मारं भंग भंग २१-२०-२६-११-282 भंग को न. १६ देवो कोनं १६ देखो को०० देतो १भंग १ज्ञान है भंग । १ज्ञान को नं० २६ दवा ।। निर्वच गति में को० नं. १० देखो मोनं १७ देखो। कृप्रवधि ज्ञान, मनः पर्यय ३-३-2 के भम ज्ञान ये२ घटाकर (१) | को०० देखो (१) मनुष्य गति में मारे भंग । १ ज्ञान (२) मनुष्य गनि में मारे भंग ज्ञान २-१-३-१ के भंगको .नं. १५ देखो कोनं. १८ देखो ३३-४-१-४- -३-३ के भगाना- नं. १८ देमो को न०१८ देखो को नं०१८ देवो । कोनं०१८ दवो (२)देवगति में | सारे भंग । १ज्ञान (1) देवगनि में जाम -३-३ के भंग को.न. १६ देखो को२०१६ देयो ३: के भंग को० नं० ११ देखो कोनं०१६ देखो कोन- १६ देखो को नं० १६ देखो १३ मंयम | भंग १ संयम १ भंग । १ संयम को नं० २६. दिमो (१) तिर्वच गति में को देखो कोनं. १७ देखो संघमामंयम, सूक्ष्म मापराय १-१-१ के भंग ये २ पटाकर (1) को०नं०१७ देखो (१) मनुष्य गति में सारे भंग गंयम (२) मनुष्य गति में | सारे भंग | १ संयम १.२.२ के मंग कोनं. १८ देखो कोल्नं १८ देव १.-३-२-३-२-१-१-१ को० नं०१५ देखो कोज्नं०१८ देखो को नं.१५ देम्बो । कोनं १८ देखो (२) देवगन में (8) देवगति में १ का भंग १ प्रमंयम जानना को.नं.१६ देखा को० नं. १६ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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