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________________ चौंतीस स्थान दर्शन (५५२ ) कोप्टक नं०७७ पीत लोश्या. में १ योग ५ १ भंग योग ? भंग १ योग ___ को नं०२६ दंघो । प्रो. मिथकाययोग १, | | यौ० मिधकाययोग १, । 4. मिधकामयोग १, । 4. मिथकाययोग ? ग्रा० मिथकाययोग १, । P मिश्रका योग १, वामांगा कावयोग | क मांगा का-योग ये ४ घटाकर (११) । ये ४ योग जानना। (१) नियंच गति में १ भंग १ योग । (२) मनुप्य गति में मारे ग १ मांग -- के मंग कोन०१५ देखो कोनं०१७ देखो १-२-१ के मंग कोनं०१८ देखो नं०१८ देखो को नं. १७ देखो कोर१देखो (२) मनुष्य ति में | मारे मंग १ योम (२)देवगति में भंग योग 8-6-8-8 के भंग ___ को नं. १- देखो को नं०१८ देखो १-२ के मंग को में देखो को नं. १६ देखो को० नं०१६ देखो को नं०१६ देखो (1) देवति में १ भंग है का भंग ___ को नं०१६ देखो कोनं-१६ देखो। को.नं.१६ देनो १. वेद मारे भंग १ वेद कोनं० १ देखो (१) तिर्यंच गति में को० नं०१७ देखो कोन०१७ देनों स्त्री-पुष्य वेद (२) ३.२ के भंग | (१) मन्घ्य गति में को नं० १ देनो कोनं० १८ देखो को० नं०१७ देखो २-1-1 के मंग (२) मनुष्य गति में - सारे भंग १ बेद को मं०१८ देखो ३-३-३-2-३-२ के अंग को० नं०१८ देखो को नं१८ देखो (२) देवनि में सारे मंग । १ वेद को नं०१८ बैवी । । २.०-१ के भंग को.नं. १६ देखो सोनं०११ देखो (२) देवगति में : मारे भंग १वेदको .नं. १६ देखो ३ का मंग को नं० १६ देखो कोल्नं० १६ देखो को नं०१६ नों १ रुषाय २५ मारे भंग १मंग । सारे भंग । १ भंग को० नं०१देखो (1) निच गति में कोनं०१७ देयो को नं. १७ देखोनपु'सक वेद घटाकर (२)को० नं० १५ देखो कोनं. १८ देखो २५-२५-२१-१७.२४-२० । (१) मनुप्प गति में के मग | २४ का भंग को० नं० देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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