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________________ तीस स्थान दर्शन ० स्थान सामान्य बालाप १ गुण स्थान ३ से १२ तक के गुगा० सूचना-गुणस्थान में भी अवधि दर्शन बताया है (देखा मो० ०गा० ८२०२१-२३) २ जीवसमास मंत्री पंचेन्द्रियपयांत अपर्या ३ पर्याप्त २ को० नं० १ देखी पर्याप्त नाना जीव की अपेक्षा £ 5 (१) तरक गति में ३-४ गुण० (२) नियंच गति में ६-४-५ गुरण मांग भूमि में ३-४६ सुरा० (३) मनुष्य गति में ७ मे १२ गुण ० भोग भूमि में ३-४ये गुण (४) देव गति में ३-४५ गुग्ण० १ चारों गनियों में हरेक में १ मंत्री पंचेन्द्रिय पर्याप्त अवस्था जानना को० न० १६ मे १६ देखो ( ५१४ ) कोष्टक ०७३ एक जोव के नाना एक जीव के एक समय में समय में सारे गुण अपने अपने स्थान के सारे गुण म्यान जानना को० नं० १६ में १६ देखी १ ० सारे गुण में से कोई गुसा जानना को० नं० १६ मे १६ दे ૬ १ भंग १ भंग चारों गनियों में हरेक में को० नं० १६ से १६ को० नं० १६ से ६ का भंग देखो १३ देखी को० नं० १६ मे १६ देख 0 T नाना जीवों की अपेक्षा (१) नरक गति में ४थ गुरा० (२) निर्यच गति में S भोगभूमि में 농 गुण (३) मनुष्य गति में ४-६ गुण ० भोग भूमि में ध गुण(४) देवगति में ४ गुण ० १ लब्धि रूप होना है। T चारों गतियों में हरेक मे की० १ मंत्री प० अपत जानना कोल०१६ मे १६ दे अवधि दर्शन में २६ देवी का भंग भी 1 १ जीव के नाना समय में पर्यात 连 सारे गुण स्थान अपने अपने स्थान के सारे भंग जानना 1 ! एक जीव के एक समय में 5 १. गुरण सारे भंगी में में कोई १ गुण 1 जानना 3 १ भंग १ भंग चारों गनियों में हरेक में को०० १६ मे १२ को० नं० १६ से १ का भंग देखा १६ देखी को 1 ? ० १६ से १२ कोन० १६ से देखा १६ देख
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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