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________________ चौंतीस स्थान दर्शन कोष्टक नं० ७२ चक्षु दर्शन में ५ ११ कषाय २५ को० नं. १ देखो १२ ज्ञान केवल ज्ञान घटाकर()। २५ सारे भंग १ भंग २५ : सारे मंग ! १ मंग को. नं. १ के समान को नं. ७१ देखा को नं०७१ देखो को.नं.७१ के समान कोनं०७१ देखो कोनं०७१ देखो जानना जानना सारे भंग | ज्ञान | मारे भंग १ जान का नं०७१ के समान को नं०७१ देखो कोनं.७१ देखो कुमवधि ज्ञान, मन: पर्यय जानना जान ये घटाकर (५) को० नं. ५१ के समान व नं० १ दक्षो को न देखो जानना को० नं० २६ देखो १४ दर्शन पक्षु दर्शन १५. सश्या को न०१ देखो १६ भव्यत्व भव्य, मभन्य का० २०७१ के समान कोनं०७१ देखो कोनं०७१ देखो का००१ के समान की नं. १ देको कोल्नं. १ देखो जानना जादता चारों गतियों में हरेक में चक्ष दर्शन | म टर्मन दागगनियों में हरेक में राशन | चक्षु दर्शन १ चक्षु दर्शन जानना ! " च वर्मन जानना । १ मंगजच्या । १ भंग १नेश्या को नं. ७ के समान को 4०७१ दवा को००१खा की नं००१ के ममान को. नं. ७२ दवा को.नं०७१ देखो जानना | जानना भंग १ अवस्था को.नं.१ के समान काल नं. १ देखो कोनं दवा को न के समान को २०१दखा को नं०७१ देखो जानना जान्ना | सार भंग ! १सम्यक्त्व स.. ग १ सम्यक्त्व की नं० ७१ के ममान की नं०७१ देखो को न देखो नं. १ के समान को नं०७१ देखी कोन ७१ देखो সালনা जानना १ भंग १ अवस्था नो० नं के समान कान ७१ देखो को खो को ७१क समान का नं १ देखा कोनं०७१ देखो जानना । जानना १७ सम्यवन्द को० नं१८ देखा। १८ मंजी जी, गंजी १६ माहार २ माहारक, अनाहारक । दन्त्रीको न००१ देखो को नं०७१ के समान को.नं. १ देखो कोन.१ देखो, कोन, के गगान मान जानना जानना
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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