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________________ चोलोस स्थान दर्शन कोप्टक नं०६४ असयम में यो 33 के भंग को० नं. १३ २३ भाव मारे मंगभंग सारे भंग १ भंग उपगम-क्षायिक (१) नरक गति में का नं.१३ देखो ' को न कुअवधि जान घटाकर सम्पकावर, कृजान ३. (४०) जान, दर्शन ५, भंग-को० नं १५ (१) नरक गति में सारे भंग । १ भंग नच्चि , नेदक दलो २५.२७ के भंग को० नं. १: देखो को.नं.१६ सम्यक्त्व १, गनि ४, (२) निर्यच गति में मारंभंग भ ग को.नं.१ देखो देखो कपाय ४, लिंग, २४-२५-२७-३१-२६-३०- कोन०१७ देखो , कोन.१४ (२) तिर्यच गति में | सारे भंग १ भंग लश्या ६, मिय्या- ३२-२४-२५.२६-२६ केभंग देखो २४-२५-२७-२५-२२- को० नं० १७ देखो को० नं०१७ दर्शन १, असंयम १. कां. नं.१७ देखो २३-२५-२५-२४-२३. । देखो महान ६, असिद्धाव १ २५ के भंग-को.नं. : पारिणामिक भाव ३,(३) मनुष्य गति में मारे भंग भंग : १७ दखा ये ४१ जानना १२९-३०-३३-२७-२५- को० नं. १८ देपा को नं. १८ (३) मनूष्य गति में सारे भंग । १ मंग २६- के भंग का । देगा ३०.२८-३०-२४-२२-२५ के को० नं. १६ देखो | कोनं०१८ १५ देखो भंग को. नं: १८ देखो देखो (८) देवनि में मारे भंग १भंग (४) देवर्गात में सारे भंग १ मंग २५-३.२५-२६-२७-२५-को- नं. १६ देखा को.नं. १६२६-२८-२६.२४-२८-२१- को० नं०१६ देखो| को० नं०१६ २६-२६.२४.०२-२६-२ २१-२६.२६ केभंग २५ के अंग को० नं० १९ पो.नं. १६ देखो देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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