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________________ १ १६ श्राहारक चौंतोस स्थान दर्शन 국 ३ चारों गतियों में हरेक में मर्यो का विवरण कोमल जानना € को० न० १६ देखी | (१) नरकगति में २० उपयोग माह एक, मनाहारक २१ ध्यान पातं व्यान ४ ११ ५-६-६ के भंग को० नं० १६ देखो (२) तियंच गति में को नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में रौद्र ध्यान ४, धर्म ध्यान में ( प्राज्ञा विचय, अनाय विचय, मिवाक विषय) । ये ११ ध्यान जानना ! | को० नं० १८ देखो (४) देवगति में १ भंग १ उपयोग ३-४-५-६ ६-५-६६ को० नं० १७ देखी को० नं० १७ देखो के भंग ५-६-६ के मंग को० नं० १३ देखी ( ३८१ 1 कोष्टक नं० ५३ सारे भंग ५-६-६-५-६-६ के संगको० नं० १८ देखो ११ (१) नरकगति - देवगति में हरेक में १ १ को० नं० १९ से को० नं० १६ मे १२ देखो १६ देखी -६-१० के भंग को० नं० १६-१६ देखो (३) निर्यच गति में ८ ६ १०-११ ८ ९ १० को० नं० १७ देखो १ भंग ८ १ उपयोग को० नं० १६ देखो को० नं० १६ देखो अवधि ज्ञान पढ़ाकर १ मंग को० नं० १६ देखो सारे भंग को० नं० १६-१२ देखो १ उपयोग फो० नं० १० देखो १ उपयोग को० नं० १६ देखो १ यान को० नं० १६१६ देखो ९ भंग १ मस्था चारों गतियों में हरेक में को० नं० १६ से १६ को ० ० १६ मे भंगों का विवरण को० नं०५० के समान जानना देखो १६ देखो प्रत्याख्यान ४ कपायों में के भांग को० नं० १७ देखो (3) मनुष्य गति म ४-६-४-६ के मंग को० नं० १८ खो (.) देवगति में ४४-६६ के भंग को नं० १६ देखो € ७ (5) (१) नरकगति में ४-६ के मंग को० नं० १६ देखी (२) तिचि गति में १ मंग ३-४-४-३-४-१-४-६ को नं० १७ देखो १ मंग १ ध्यान १ मंग को० नं० १७ देखो को नं० १७ देखो को०० १६-१६ देखो को० नं० १६ देखी कोनं १६ देखो S सारे मंग को० नं० १६ देखो १ उ योग १ मंग को नं० १६ देखो सारे भंग १ उपयोग को० नं० १७ देखो १ उपयोग को० नं० १० देखो | उपोष को० नं० १६ देखो १ ध्यान प्रणाय विनय विपाक विषय ये २ घटाकर (६) (१) नरक गति देवगति | को० नं० १५-१६ को ०नं० १६-१९ सो में हरेक में देखो ५-६ के भंग
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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