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________________ पोलीस स्थान दर्शन क्र० स्थान ० स्थान सामान्य श्रालाप १ I १ से ४ जानना २ जोवसमास १४ को० नं० १ देखो पर्याप्त नाना जीव की प्रपेक्षा चारों गतियों में हरेक में १ से ४ गुरम० जानना ७ पर्याप्त अवस्था (१) नरक-देवगति में हरे में १ मंत्री पं० पर्याप्त अवस्था जानना को० मं० १९-१६ देखो (२) तियंच गति मे ७-१-१ के मंग को० नं० १७ देशो (३) मनुष्य गति में १-१ के भंग की० न० १८ देखो ( ३६२ ) कोष्टक ०५२ एक जीव के नाना एक जीव के एक । समय मे समय में I ४ सारे गुण स्थान १ समास को० नं० १६-१९ देखो १ गुण ० १ समास को० नं० १८ देखो १ समास को० नं० १६-१६ कोनं देखो १ समास १ समास को० नं० १७ देखो को०नं० १७ देखी १ समास कोनं ० १८ देखों नाना जीवों की अपेक्षा 3 (१) नरकगति में १-४ गुण ० (२) तिर्यच गति में अप्रत्याख्यान ४ कषायों में १-२ शु० (३) भांगभूमि में १-२-४ गुण० (४) मनुष्य गति में ९-२-४ गुण० (५) देवगति में १-२-४ गुण० ७ अपर्याप्त अवस्था (१) नरक -देव गति में हरेक मे १ संजी पं० पर्यास अवस्था जानना को० नं० १५-१६ देखो (२) तियंच गति में ७-६-१ के भंग को० नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में १-१ के भंग को० नं० १८ देखी अपत १ जीव के नाना समय में כי सारे गुण ० १ समास को० न० १७ देखो एक जीव के एक समय में १ समास को० नं० १८ देखो ८ १ समास १ समास को० नं० १६-१६ को० नं० १६-१६ देखो देखो १ गुसा० १ समास को० नं० १७ देखो १ समास को० नं० १८ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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