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________________ चौतीस स्थान दर्शन १ १७ सम्यक्त्व मिध्यात्व, सासादन १५ संजी संशी, असशी २ १६ माहारक प्राहारक, अनाहारक (१) नरकगति में १-१ के भंग को० नं० १६ देखी | (२) तिच गति में १-१-१-१ के भंग को० नं० १७ देखी (३) मनुष्य गति में १-१-१-१ के को० नं० 2 देखो (४) देवगति में १-१ के भंग को० नं० १६ देखो २ (१) नरक - देवर्गात में हरेक में १ संशी जानना बो० नं० १६-१६ देखो (२) तिच गति में १-१-१-१ के मंग को० नं० १७ दंखो (2) मनुष्य गति में १-१ के मंग को० नं० १८ देखो १ (१) नरका-देवगति में हरेक में १ श्राहारक जानता की. नं० १६-१६ देखो ( ३५७ ) कोष्टक नं० ५१ ✓ १ सम्यक्त्व २ J सम्यन्त्र सारे भंग को० नं० १६ देशको नं १६ देखो (१) नरक गति में १ मंग को० नं० १६ देखा १ भंग (२) तिथेच गति में को० नं० १० देखो को० नं० १७ देखी १-१-१-१ के मंग को० नं० १० देख (३) मनुष्य गति में १-१-१-१ के मंग को० नं० १८ देखो (४) दंवगति में १-१ के मंग को० नं० १६ देखो सारे भंग को० नं०१८ सी i सारे मंग को० नं० १६ देखी १ मंग को० नं० १६-१६ देखो १ मंग को० नं० १७ देखां १ मुख्य चत्त्र कोनं० १८ देखो १ सम्यक्त्व को० नं० १६ देखी १ श्रवस्या नं० १६-१६ देखो १ अवस्था को० नं० १७ देखी १ अवस्था १ मंग को० नं० १८ देखी को० नं० १८ देखी १ को० नं० २६-१६ को० नं० १६-१६ देखो देखो श्रनन्तानुबन्धी ४ कषायों में २ (२) नरक-देव गति में हरेक मे १-१ के मंग को० नं० २६-१३ देखो सारे मंग १ सम्यचत्व को० नं० १६ देखी का०नं० १६ देखी १ भंग ६ सम्यकव को० नं० १७ के कोनं १७ देखी सारे मंग !को० नं० १८ देखो ५ २ १ भंग (१) नरक देव गति में १ मंत्री जानना को० नं० १६-१६ लो (२) निर्मच गति में १-१-१-१-१-१ के मंग को० नं० १७ देखो को० नं० १७ देखो १ प्रवस्था को० नं० १७ देखा (३) मनुष्य गति में १-१ के भंग को० नं० १८ देखी सारे भग १ सम्यक्त्व को० नं० १६ देखो को०० १६ देखो को० नं० १६-१६ को ००१६-१६ १ नंग १ अवस्था देखो देखी १ मंग ६० नं० १८ देखी को १ मम्यवरव को नं० १८ देखो मारे मंग को० नं० १६-१६ देखो १ अवस्था को० नं० १८ देखो १ को० नं० १६-१६ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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