SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 391
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चौंतीस स्थान दर्शन कोष्टक नं०५१ अनन्तानुबन्धी ४ कषायों में १४ दर्शन प्रचक्षु-चन दनंभ १प्रयंयम जानना १ असंयम जानना । को नं० १६ मे १६ देखो कोनं०१६ से १६ दंखों १ भंगदर्शन १ भंग १ वर्णन (१) नरक गति में को.नं. १६ देखो कोन०१६ देखो (१नरक गति में को० नं०१६ देखो को नं०.१६ देखो २का अंग २.का भंग । को... देखो को.नं.१६ देखो ( तिर्यच गति में १ मंग १ दर्शन (२) तिर्यच गनि में भंग । दर्शन १-२-२-२ के भंग को० नं०१७ देखो कोनं० १७ देखो १-२-२-२ के भंगकी नं०१७ देखो कोनं०१७ देखो को.नं०१७ देखो । को नं०१७ देखो (३) मनुष्य गति । मारे मंग १ दर्शन (३) मनुष्य गति में J सारे भंग १दन २.२ के भंग को नं० १८ देखो को नं०१८ देसों, २-२ क भंग को० नं. १८ दलो कोल्नं०१८ देखो को नं०१८ देखो | कोन०१८ देखा (४) देवगति में भंग १ दर्शत (४) देवगति में | भंग । १ दर्शन २ का भंग को० नं०१६ देखो कोनं० १९ देखो २.२ के भंग कोल नं. १६ देखो | कोल्नं .१६ देख को० नं० १६. देखो ' को नं०१८ देखो भंग । १ लश्या १ भंग | लेश्या (१) नरक गनि में को० नं० १६ देखो कोनं० १६ देखो (१) नरक गति में को नं १६ देखो को२०१६ देख ३ का मंग ३ का भंग को.नं. १६ देखो | को.नं. १६ देखो (२) तिर्यत्र गति में मंग ले श्या (२) नियंच गति में | मारे भंग । १लेश्या ३-६-३ के भंग को नं०१३ देखो कोनं०१७ देवी, ३० मंग कानं०१७ देखो कोनं० १७ देखो को.नं. १७ देखो को० न०१७ देखो (३) मनुष्य गति में | सारे भंग ले ल्या () मनुष्य गति में १ भंग १ लेश्या ६-३ के भंग को.नं. १ देखो कोनं० १८ देखो ६-२ के भंग को न०१८ देखो | कोन०१८ देखो को.नं. १८ देखो को००१८ देखो -(४)दंवगति में मंग १नेश्या 1४) देव गति में नेश्या १-३-१ केभंग को १९ देखो कोनं०१९ देखो ३-३-१ के मंगको मं० १६ देतो कोनं० १९ देखो को नं० १६ देखो को नं० २४देख १५ लेश्या को न १ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy