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________________ चौंतीस स्थान दर्शन १४ दर्शन २ १५ या को० नं० १८ देखो (२) देवगति में १ असयम जानना को० नं० १६ देखो ३ ६ को० न० १७ देखो | ( १ ) तियंव गति में २-२-३-३-२-३ के भंग फो० नं० १७ देखो (२) मनुष्य गति में २-३-३-३-२-३ के मंग को० नं० १८ देखी (३) देव गति में २-३ के मंग को० नं०] १६ देखो ६ को० नं० १ देखो (१) तियंच गति में ३-३-३-३ के मंग को० नं० १० देखो (२) मनुष्य गति में ६.३-१-३ के मंग को० नं० १० देखो (३) देव गति में १-३-१-१ के मंग को० नं० १६ देखो ( २१६ / कोष्टक नं० ४७ ४ | सारे भंग १ संयम ! [को० नं० १६ देखो फोल्नं० १६ देखी 1 भंग अपने अपने स्थान भंग जानना को० नं० १७ देखी के सारे भंग को० नं० १८ देखो मंग को० नं० १६ देखो सारे भंग को० नं० १८ देखो ५. ६ न को० नं० १७ देखो अपने अपने स्थान के भंगों में से कोई १ दर्शन १ दर्शन को० नं० १८ देखी १ मंग अपने अपने स्थान के भंग कां० नं० १७ देखो १ भंग को० नं० १६ देखो १ दर्शन नं० ११ देखी १ लेश्या प्रपने अपने स्थान के अंगों में से कोई १ लेश्या जानना १ लेश्या को० नं० १८ देखी १ लेश्या को० नं० १६ देखी (२) मनुष्य गति में १-२-१ के मंग को० नं० १८ देखो (1) देवगति में १ संयम जनता को २० १६ देखी ३ (१) त्रियंचगदि में २ २ २ २ के मंग को० नं० १७ दंसो (२) मनुष्य गति में २-३-३-२-३ के मंग को नं० १५ देखरे (३) देव गति में २-२-३-३ के भंग को० नं० १६ देखो ६ (१) तिर्यच गति में ३-१ के मंग को० नं० १७ देखी (२) मनुष्य गति में ६-२-१ के मंग को० नं. १८ देखो (३) देवगति भ ३-३-१-१ के मंग को० नं० १९ देखो पुरुष वेद में सारे भंग १ संयम को० नं० १८ देवो कोनं० १८ देखो सारे भंग ५ संयम को० नं० १६ देखो को नं०] १६ देखो भंत अपने अपने स्थान के भंग जानना को० नं० १० देखो सारे भंग को० नं० १८ देखो 5 १ भंग को० नं० १६ देखो १ मंग अपने अपने स्थान के भंग जानना को० नं० १७ देनो i सारे रंग को० नं० १० देखो i १ दर्शन अपने अपने स्थान के भंगों में से कोई १ दर्दान कोनं १७ देखी १ दर्शन कोनं० १८ देखो १ दर्शन को० नं० १६ देतो १ लेश्या अपने अपने स्थान के भंगों में से कोई १ लेभ्या को० नं० १७ देतो १ नेश्या को० नं० १८ देखो " १ भंग १ श्या को० नं० १६ देखो को० नं० १६ देखो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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