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। २६० ) कोष्टक नं०३६
चौंतीस स्थान दर्शन
असत्य मनोयोग या उभय मनोयोग
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को नं०२६ देखो
हरेक भंग में से कोई
१भंग जानना । को० नं०२६ देखो
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२६-२४-२५-२६-२७ के भंन को० न०१६ के समान जानना। (२) तिर्यंच गति में ३१-२६-३०-३२-२६ के मंग बो० नं. देखो !................ (३) मनुष्य गति में ३१-२६-३०-३३-३०-३१-२७-३१२९-२६-२८-19-२६-२५-२४-२३२३-२१-२० के मंग को० नं०१८ के समान जानना (४) देव गति में २५-२३-२४-२६-२७-२५-२६-२९+४-२२-२३-२६-२५-के भंग को०० १६ के समान जानमा (१) भोगभूमि में २७-२५-२६-२१ के भंग को.नं. १७-१८ के समान हरेक में जानना
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