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( ter )
अवगाहना - लक्ष्य पर्यासक जीवों की जधन्य अवगाहना धनांगुल के प्रसंख्यातवां भाग और उत्कृष्ट प्रवगाहना भ्रमर की एक योजन तक जानना । बंध प्रकृतियां - १०६ और १०० को० नं० २१ के समान जानना ।
प्रकृतियां - ८१ को० नं० २२ के ८१ में से श्रीन्द्रिय जाति १ चतुरिन्द्रियाति ११ की जानता।
सत्य प्रकृतियां - १४५ - १४३० नं० २१ के समान जानना ।
संख्या- प्रख्यात लोक प्रमास जानना
क्षेत्र लोक का प्रसंख्यातवां भाग प्रमामु जानना ।
स्पर्शनको० नं० २३ के नमान जानना ।
काल - नाना जीवों की अपेक्षा सर्वलोक जानना एक जीव की अपेक्षा क्षुद्रभव से संस्यात हजार वर्ष तक जानना ।
अन्तर— नाना जीवों की अपेक्षा अन्तर नहीं, एक जीव की अपेक्षा क्षुद्रभव से असंख्यात पुद्गल परावर्तन काल तक यः मोक्ष नहीं हो तो
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इसके बाद चतुरिन्द्रिय में ही जन्म लेना पड़ता है।
जाति (योनि)–२ लाख योनि जानना ।
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कुल – ७ लाख कोटिकुल जानना ।