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________________ चटोरा स्थान दर्शन 1 ऊपर के के हरेक मंग की एक एका घटाकर की समस्या में से कोई १ मंत्र का भंग जानना T ५-६-७ के भगो मे सेकोई में प्रत्याख्यान माय १ मंत्र जानना ५०६-७ के भंग जानन २-४-६ के भंग। ध्येयं वे गुणस्थानों में में से कोई ४-३-६ क भंग ऊपर के ५६-७ हरेक मंग में मे प्रत्याख्यान कथाब की एक एक यवस्था घटावर ४-५-६ का भंग जानना जानना २ का भाग जानना | ऊपर के कर्म भूमि के समान स्त्री-पुरुष इन वेदों में से कोई ( १२२ ) कोष्टक नं. १० ४ ऊपर के कर्मभूमि के समान इन दो वेदों में से कोई वेद ६-७-६ ५. वे गुण ५.६-७ के भग में गुगा में सवेद भाग में १ ● का भंग संज्वलन कपाथ मंज्वलन पाथ और कोई १ का भंग कोई १ मंज्वलन काय जानना ४-५-६-७ अवेद भाग में १०वे गु० में १ का गलन गुम नोभ कषाय जानना ११ से १४ गुगा में ५ (०) का भग " (२) भांग भूमि में १२. गुरम मे ७-58 के अंग जानना परन्तु यहां वेद जानना ३ ४ये गु० में ६-७-८ के मंग जानैना परन्तु यहां स्त्रीपुरुष जानना १ का मंग जमिना ७-८ के भंगों में से कोई १ मंग जानना ६८के भंगों में से कोई १ | मंग जानना मनुष्य गति ७ C
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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