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________________ चौतीम स्थान दर्शन कोष्टक नम्बर १७ तिर्यंच गति जानना जानमा -के भंग पर्याप्न :-४-८ के भंनी म म म कोई ? अनमानानयोग : अजन बन जानना ग काई ।भग उपयोग जानना !नि १३ वा भर जानना का भंग पान के जानना । का भंग चन्द्रिय.. • के भंगा में में प्रवधि , अनजी पन्द्रिय जीव के ऊपर जान पटाकर का भग । के भंग में चक्ष दर्शन ? जानना जाकर का भग 7 मृग्ग में रे गुण में ३-1-1 के मंगों ने र गम में लगे गगग में ५ के भंगों में में ३-४ के भंग एकेन्दिर -८-४ के भगों में कोई उपयोग ५ का भंग ममी पन्द्रिय का भग कोई १ उपयांग से अमजी पंचन्दिय नक | ये कोई भंग जानना के जान , अचन दर्भन,' जानना जीवों में जन्म बने । जानना चक्षु दर्शन के २५ का भंग की अपेक्षा पयम क - मग जानना ' ' मग में | रे गुण में कभंगों में से बा गुगग. यहा नहीं। ई का भंग मंजी पंरेन्द्रिय का भंग काई उपयोग होना के कुज्ञान ३. गन ३ थे ६ का जानना (B) भोग भूमि में भंग जानना नं २ गुण में तेरे गुमा में : ४ के मंग में से ४चे ५वे मुरण में ये गण में के भंग में से' वा भंग कुजान २,' कि भंग 'कोई १ उपयोग ६ का भंग मानिधुत | का भंग काई १ उपयोग : दर्शन २ ये ४ का भंग : | जानना अवधि ज्ञान , दर्शन के जानना जानना ___ का भंग जानना थे गूगण में । इथे गुण में ६ के भंग में से (3) भोग भूमि में . का भंग मनि- का भंग कोई१ उपयोग ने मुन्ग में ले रे ग में ।५ के भंग में में , भूत प्रबधि ज्ञान और जानना २ का भंग मी पंचेन्द्रिय | ५का भंग कोई? उपयोग दर्शन .. ये ६ का भंग के कुज्ञान ३, अचच दर्शन ?, जानना जानना चक्ष दर्शन १ ये ५ का मग जानना ३रे मन में । नप में के भंग में में ६का भंग कूज्ञान ३, दर्शन का भंग । | काई उपयोग ३६का भंग जानना जानना
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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