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________________ चौतोम स्थान दर्शन कोष्टक नं. १७ तिथंच गति भाग भूमि . गुग में हरेक गुण में १.४ ग्प भ का भंगका भगका भंग जानना ऊपानी पचन्दिर जीवा हरक में जानना , व अजिब ज मना ५ मा १ भंग भंग १ मंग को नं. १ देखी १) कर्म भूमि में 1-1 के भंग १ म ५ गुण में १ म.. गुगाम का मग का भंग सामान्यच बार भंग जानमा न रे गुग में ले रे गा में | ४ का भंग (२) भोग भूमि में ४ का भंग पांमधद का भंग । जानना १ ४ गगा में में ४ गुण में ! ८ का रंग (२) योग भूमि में का भंग पर्याप्तवत् का भा। जानना १-२-४ ये गृगा में १-२-४ ये गुगण में । ४ा मंग ! ४ काभंग पांमधन का भम । जानना १ तिर्यच गति जानना । १ तिच गति जानना __इन्द्रिय जानि . १जाति जानि जानि १ जाति पोनं०१ देखो . -१-१ के मंग ५-३ के भग (१) कम भूमि में . (१) कर्म भूमि में ने गुगा में ले गुण में में से कोई ५-६ भंग |१-२ मृगण में पांचों में से कोई । ५ जाति एकेन्द्रिय में ५ जातियों में से १ जानि जानना १ले २रे गुग में ही जाति में से कोई जाति !न्द्रिम नक के पांचों ही। कोई १ जाति १५० जाति । ५ पांचों ही जानि जानना १जाति जाति जानना जानना । सेम ५ गगा में में ५ गुग में ! पंचेन्द्रिय जानि जानना पंन्द्रिय जानि। (२) भाग भूमि में । (२) भोग भूमि में १-२-४ नण में १५० जाति १ग ४ गुण में से गूगण में | पंन्द्रिय १.२-४ ये गुण में १५० जानि | जानना पन्निव जानि जानना | १५० जाति | जानि जानना। १ पंचेन्द्रिय जानि जानना जानना काय १काय काय को नं.१ देतो ६-१-१ के भंग ___E-४-१ के भंग (१) कर्म भूमि में (१) कर्म भूमि में ले गूमा में काय में ले गुरण में काय में से . . काय १ते गुरण में
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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