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________________ २७० उद्गता (सजसल; नसजग; उगीति (27.30 द्वि ) उद्दाम दण्डक (नन + 13र ) उद्धत (मससग ) उता (रसग ) उद्धरण s. संगत उद्धर्षिणी S. वसन्ततिलका उपगीति (27 द्वि) उपचित्रा (सससलग; भभभगग ) उपच्युत (नगर) उपजाति (संकर) भनजलग; सजसजग ) 3.45 उपचित्र (ननननगग ) उपचित्र (4ex.ज 4, ग+2+2+ग) कनक ( मसस) कनकप्रभा s. नन्दिनी कन्या (मग) उपस्थितप्रचुपित ( मसजभगग; सनजरग; ननस; नननजजय) उपमालिनी (नमतभर, y. 8 ) उपस्थिता ( तजजगग ) उपस्थिता (तजजग, y. 2 ) उपहासिनी (10 + लदलद ) उपेन्द्रवज्रा (जतजगग ) उर्वशी (नतततग ) उषिता (जजजग) उष्ण (रजग ऊर्जित (रससतजजग; y.10 ) ऋषभ (सजससय) ऋषभगज विलसित (भरनननग; y. 7 ) एकरूप ( मसजगग ) एला (सजननय; y. 5 ) औपच्छन्दसक ( 6+र कलि दण्डक ( नग + 13र ) कच्छपी ( रन) 2.44 कथागति (तरभनजभर, y. 7.7 ) छन्दोऽनुशासनम् । | करिणी (मससग समभस ) करिमकरभुजा ( ननमयलग; y. 7 ) 4.8 कलभाषिणी (नजजभर ) 2.388.6 | कलहंसा ( नभजय ) 2.124 | कलिका ( भभग ) 2.56 कलिका (रमसग ) कमलदलाक्षी (नयनलग ) कमलमुखी 8. अभिमुखी कमलविलासिनी 8. तामरस कमलाक्षी (ननससग ) Jain Education International 8+रथ) 3.66 2.95 2.156 157 कलिका (10 + गग; 6 + गग; 14 + गग; 4.7 कल्याण (मममम ) 3.3 काञ्चन s. कल्याण 2.234 | काशी (मरभयरर y. 11 ) कान्ता 8 स्खलित कान्तोत्पीडा 9. जलधरमाला कामक्रीडा (ममममम ) कामदत्ता ( ननरय) कामबाण दण्डक (any त + गग) 3.48 2.248 कामलता (भरनभ भरलग ) 2.133 कामलतिका (भय) 2.120 कामावतार ( तततत ) 3.64 कामिनी (रजर ) 2.155 | कामिनी (र; जरलग) 2.194 | कामुकी (5म + ग ) 2.116 | कामुकी (5स + ग ) 2.53 कुटज (सजससग ) 2.330 | कुटिल ( मभनयगग; y. 4,6 ) 2.242 | कुटिलगति (ननततग; y. 7 ) 2. 271 कुन्तलम्बी 8. पि 2.146 | कुमारललिता ( जसग; y. 2 ) 2.252 कुमुदिनी (मननग) 3.54 कुमुदिनी ( रयनय ) 2.390 कुमुद्वती ( नया ) कुरङ्गिका (मतनजभर, y. 5, 7 ) 3.13 2.223 2.255 2.160 2.59 2.121 18+ mm) 3.44 2.173 केकिरव (सयसय) केतन ( भयससय) 2.218 | केतुमती (सजसग; भरनगग ) For Personal & Private Use Only 2,300 2.262. 2.187 2.399 2.342 2.41 2.167 2.106 3.20 2.266 2.267 2.212 2.241 2.202 2.346 कुवलयमाला 8. पणव 2.97 कुसुमविचित्रा (नयनय ) कुसुमसमुदिता 8. कुमुदिनी 2.15 2.395 कुसुमास्तरण दण्डक (any स ) 2.150 कुसुमितलतावेहिता ( मतनययय; y.5,6 ) 2.302 2.191 2.260 3.7 2.54 2.123 2.185 2.68 2.311 2.168 www.jainelibrary.org
SR No.090113
Book TitleChandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH D Velankar
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1961
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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