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गुणस्थान भाव व्युटिसि
भाव
अभाव
.. मिश्र
लब्धि ,
{2} {चक्षु अचमु (1) {औषशमिक अवधि दर्शन, सम्यक्त्व , मति, श्रुत क्षायोपशमिक पाँच अवधि ज्ञान,
झायोपशमिक सम्यक्त्व, नरकगति,कापोत | मिथ्यात्व, अमव्यत्व + लेश्या, नपुंसक लिंग, कुज्ञान 3 - 3 मिश्रज्ञान} - चार कषाय, अन्जान असिखत्व, असंयम, जीवत्व, मध्यत्व, मति-कुमति, श्रुत - कुश्रुत अवधिकुअवधि तीन मिश्र ज्ञान)
4. अविरत {1} {नरक |[25(औपशमिक (5) [कुमति, कुश्रुत
गति, कापोत | सम्यक्त्व, मति, श्रुत कुअवधि ज्ञान, मिथ्यात्व लेश्या, | अवधि ज्ञान, चा, अभव्यत्व] असंयम अचक्षु, अवधिदर्शन,
क्षयोपशामिक सम्यक्त्य, क्षायोपशमिक पाँच लन्धि , नरकगति,कापोत लेश्या, नपुंसक लिंग, चार कषाय, अज्ञान असिनत्य, असंयम, जीवत्व, भव्यत्व)
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