________________
अभाव
गुणस्थानमाव व्युच्छित्ति भाव . । 3. मित्र
(23) (चल अचक्षु औपशमिक अवधि दर्शन,
सम्यक्त्व, क्षायिक क्षायोपशमिक पाँच सम्यक्त्व, मति, श्रुत नन्धि ,
अवधि ज्ञान, नरकगति,कापोत शायोपशमिक सम्यक्त्व, लेश्या, नपुंसक लिंग, मिथ्यात्व, अभव्यत्व+ चार बाय, असान काम · असा) असिद्धत्व, असंयम, नीयत्व, भव्यत्व, मति कुमति, श्रुत कुश्रुत अवधि कुअवधि तीन मित्र ज्ञान)
4. अविरत {} [नरक 126) औपशमिक कुमति कुश्रुत
गति, कापोत सम्यक्त्व, क्षायिक कुअवधि ज्ञान, मिथ्यात्व लेश्या, सम्यक्त्व, मति, अत अपव्यत्य) असंयम] अवधिज्ञान, चा,
अवक्षु, अवधि दर्शन,शायोपशमिक सम्यक्त्व,झायोपशमिक पाँच लब्धि, नरकगति,कापोत लेश्या, नपुंसक लिंग, चार कषाय, अज्ञान असिदत्व, असंयम, जीवत्व प्रव्यत्व)