________________
गुणस्थान भाव व्युच्छित्ति भाव
अभाव मिथ्यात्व |2(मिथ्यात्व, |33 (कुशान2, दर्शन 2, 15 (सायिक भाव , अमव्यत्व) क्षायो, लब्धि 5, गति
जान 3, दर्शन !, +, कषाय ,लिंग,
क्षायोपशमिक मिथ्यात्व, अज्ञान, असंयम, मसिद्धत्व,
सम्यक्त्व, उपशम लेश्या 6, जीवत्व,
सम्यक्त्व) भव्यत्व, अमव्यत्व) सासादन 3 (कुज्ञान 2, 30 (उपर्युक्त 3 - 18(उपर्युक्त 15 + स्त्रीवेद) मिथ्यात्व, अभव्यत्व, | मिथ्यात्व,अभव्यत्व, नरकगति)
नरकगति)
असंयत
29 15 आत
जला: , अरिन (द्वितीयोपशम | सम्यक्त्व,
कुजान निकालना तथा | भाव , स्त्रीलिंग,
ज्ञान 3, अवधि दर्शन 1,| मिथ्यात्व, अमन्यत्व) सम्यक्त्व, मति सम्यक्त्व 3, आदि । शान, नरकगति 1, जोड़ देना) दर्शन , बायो. लब्धि 5, नेश्या क्रमशः 5, नरक,
तिर्यच,
देवगति, कषाय |4, लिंग 2, अज्ञान असंयम)
सयोग केवली
|14 (सायिक 9, | 34 (सम्यक्त्व 2, ज्ञान 3, मनुष्यगति, मनष्यगति. असिन्दत्व. कुशान 2, दर्शन 3, सायिक शुक्ललेश्या, जीवत्व,
क्षायो, लब्धि 5, दानादि भव्यत्व)
असंयम, अज्ञान,
मिथ्यात्व, अभव्यत्व, सायिक
गति 3, लिंग, आरिता, शुक्ल
कृष्णादि लेश्या, लेश्या,
कषाय 4)
असिद्धत्व,
भव्यत्व)
(101)