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॥श्री चन्द्रप्रभजिनेन्द्राय नमः॥ युग-प्रमुख, चारित्र-शिरोमणि, सन्मार्ग दिवाकर, आचार्य
श्री विमलसागरजी महाराज
हीरक जयन्ती वर्ष
के उपलक्ष में प्रकाशित
पुष्प नं. ५०
भाव संग्रह
प्राचार्य वामदेव विरचित
अनुवादक : डा. रमेशचन्द जी बिजनौर
सानिध्य : परम पूज्य, ज्ञान दिवाकर, उपाध्याय मुनि
श्री भरतसागरजी महाराज
. निर्देशन : परम पूज्या आर्यिका स्याद्वादमतिजी माताजी
अर्थ सहयोगी : श्री श्रीपाल गणेशलाल जी बिलाला
अकोला (महाराष्ट्र)
प्रकाशक :
भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्