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________________ १३८ महापुरुषा जिन दीक्षा गृहीत्वा द्वादशांग पठित्वा द्वादशांगध्ययन फल निश्चय रत्नत्रयात्मके परमात्म ध्याने तिष्ठन्ति तेन कारणेन वीतराम स्वसंवेदन ज्ञानेन निजात्मा ज्ञाते सति सर्वं ज्ञात भवतीति । अथवा निय कल्प समाधि समुत्पन्नपरमानन्द सुखरसास्वादे जातो सति पुरषो जानाति कि जानाति । बेचि मम + रुपमस्यदेह गादिक परमिति तेन कारणनात्मनि ज्ञाते सर्व ज्ञातं भवति । अथवा आत्मा कर्म श्रुतज्ञान रुपे प्याप्ति ज्ञानेन करणभतेन सर्व लोकालोक जानाति तेन पारणेनात्माति ज्ञाते सर्व ज्ञातं भवतीति । अथवा वीतराग निर्विकल्प विशुद्धी समाधी वलेन केवलज्ञानोत्पत्ति बीज भूतेन केवलशाने जाते स्मति दर्णणे विम्ववत सर्व लोकालोक स्वरुपं विज्ञायत इति हेतोरात्मनि ज्ञाते सर्व ज्ञान भवताति । अभेद व्याख्यान चतुष्टयं ज्ञात्वा वाह्याभ्यन्तर परिग्रह त्याग कृत्या सर्व तात्पण निज सुबातम भावना कतव्यतिः तात्पर्यम् । ह योगी एक अपने आत्मा के जानने से यह तीन लोक जाना । जाना है। क्योकि आत्मा के भावरूप केवलज्ञान में यह लोक प्रतिबिंबित हुआ है, बस रहा है। ___ भावार्थ:- वीतराग निविकल्प स्वसंवेदन ज्ञानसे शुद्धात्म तत्त्व के आनने पर समस्त द्वादशांग शास्त्र जाना जाता है । क्योंकि जर रामचंद्र पांडव, भरत रुगर आदि महान पुरुष भी जिन दीक्षा लेकर फिर द्वाद शांग को पढकर द्वादशांग पढ़ने का जो फल निश्चय रत्नत्रय स्वरुप जो शुद्ध परमात्मा उसके ध्यान में लीन हुए विष्ठ है । इस लिये वीतराग स्वसंवेदन जानकर अपने आत्माका जानना ही सार है। आत्मा के जान न से सबका जानपना सफल होता है । इस कारण जिन्हो ने अपनी आत्मा जानी उन्होंने सब को जाना । अथवा निविकल्प समाधि से उत्पन्न हुआ जो परमानन्द सुख रस उसके आस्वाद होने पर ज्ञानी पुरुष ऐसा जानता है, कि मेरा स्वरुप जुदा है । और देह रागादिक मेरे से दूसरे है मेरे नहीं है । इसलिये आत्मा के जानने से सब भंद जाने जाते है, जिसने ! अपने को जान लिया उसने अपने से भिन्न सब पदार्थ जाने । अश्वा आत्माश्रुत ज्ञानरूप सव लोकालोक को जानता है । इसलिये आत्मा के जानने से सब जाना गया । अथवा वीतराग-निविकल्प परमसमाधि के
SR No.090104
Book TitleBhav Sangrah
Original Sutra AuthorDevsen Acharya
AuthorLalaram Shastri
PublisherHiralal Maneklal Gandhi Solapur
Publication Year1987
Total Pages531
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size9 MB
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