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भट्टारक रसकीर्ति एवं कुमुदचन्द्र-व्यक्तित्व एवं कृतित्व
जयो जिन पार्श्वनाथ भवतार---
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जसोधर गीत-१८ जिन जन्ममहोत्सव-१०६
जयकुमाराख्यान-११०, १११ (छ) छहलेल्या वेलि
छन्दोविधा-२३
छत्तीसी-३६ (झ) पद
झोलते कहा कर यो यदुनाथ-५० (त) टंडारणारास-२० (ढ) ढोलामारू चौपई--३६ (त) तेरह काठिया-६
तीर्थङ्कर विनती-१६ तीर्थकर नौबीसना छप्पय-२५ तत्वार्थ सूत्र भाषा टीका-३४,
धर्म सहेली-१२
धर्म रास गीत-२३ (न) नाम माला-५
नाटक समयसार-५, १३ नवदुर्गा विधान-१ नाम निर्गम विधान-६ नवरत्न कवित्त-६ नवसेना विधान-६ नाटक समयसार के कवित्त-६ नवरस पावसी-५ नेमिनाथ रास-१३, २४, २४ नेमिराल गीत-१४ नेमिश्रर गीत-१४, ५६, १५,
१८, ११६. २३१ नेमिनाथ का बारह मासा-१४
५१, ५८ नेमिराजुल संवाद-१६ नेमि जिनंद ब्याहलो-२४ नेमिश्वर का बारह मासा-२४ मिश्वर राजुल की लहरि-२४ नेमिनाथ समवसरन-३३, ३४ नषध काव्य-३६
नवकार छन्द-३७ (पद) नेम हम कैसे चले गिरनार- ५० (पद) नेम जी दयालुडारे तू तो यादव
कुल सिराजार-५१ (पद) नेमि तुम भावो परिय घरे-५०
नेमिनाथ फागु-५१ नेमिनाथ विनती-५१ नेमि राजुल प्रकरण-५३ नेमिश्वर हमची-५८, ६३, ३३.
तेजसार रास-३६ (६) दश बोल-६
दश दानविधान-६ दश लक्षण रास-२० दो बावनी-२३ द्वादश भावना-३३, ३४ द्रौपदी रास-३४
देवराज बम्धराज चौपई-४. (द) देश लक्षण धर्मवक्त गीत-५८,
६५, २०६ दीवाली गोत-५६, ६८, २०१ दर्शनाष्टांग-१०६
दोहाशतक-१२० (घ) ध्यान बत्तीसी-६
धर्म स्वरूप-१०