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18 | भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (कर्नाटक)
हैं कि इन्हें अवश्य देखना चाहिए। शायद कोई भवन अधूरा ही रह गया।
बीजापुर की एक अन्य प्रसिद्ध इमारत है इब्राहीम रोज़ा । यह एक मकबरा है और इसमें कब्र पर कुरान की आयतें स्वर्णाक्षरों में लिखी हुई हैं। कहा जाता है कि आगरा के ताजमहल के निर्माण की प्रेरणा इसी से मिली थी। इसकी कारीगरी भी दर्शनीय है।
आदिलशाही सुल्तानों के समय की यहाँ और भी अनेक दर्शनीय इमारतें हैं।
यहाँ हैदर या उपलिबुर्ज (मलिके मैदान) में एक तोप भी रखी हुई है जो साढ़े नौ मीटर लम्बी है और जिसका वज़न पचपन टन बताया जाता है।
ठहरने के लिए यहाँ कर्नाटक सरकार का आदिलशाही होटल अच्छा है और केन्द्रस्थान में है। पर्यटकों को जानकारी मिलने के अतिरिक्त नगर-भ्रमण कराने की भी वहाँ व्यवस्था है। वैसे उसी के पास महात्मा गांधी रोड पर कुछ अच्छे होटल भी हैं।
हिन्दी, मराठी और कन्नड़ यहाँ बोली और समझी जाती हैं।
एक चेतावनी-बीदर, गुलबर्गा और बीजापुर का इस यात्राक्रम में वर्णित सड़क-मार्ग छोटी-छोटी पहाड़ियों से युक्त है। बड़ी दूर तक कभी-कभी वृक्ष दिखाई नहीं देते । बस या कार को छाया में खड़ी करने के लिए भी कभी-कभी परेशान होना पड़ता है । अधिकतर बसें गर्मियों में यात्रा पर निकलती हैं। उन्हें चाहिए कि वे इंजिन और यात्रियों के लिए पर्याप्त पानी अपने साथ रखें । केनवास की पानी से भरी थैलियाँ बोनट पर लटका कर यात्रा करने से ठण्डा पानी पीने को मिल जाता है। बीजापुर जिले के तीन प्रमुख जैनकला केन्द्र हैं -बादामी, पट्टदकल
और ऐहोल जो अपने इतिहास और शिल्प के लिए अनेक विद्वानों के अध्ययनस्थल और आज भी देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण-केन्द्र हैं । बीजापुर से बादामी के लिए सीधा रेल और सड़क-मार्ग भी है। किन्तु अभी उधर न जाकर पहले बेलगाँव को ओर प्रस्थान करना चाहिए तथा रास्ते में शान्तिगिरि (नया, रमणीक एवं शान्त) तीर्थ क्षेत्र, स्तवनिधि (तीर्य), बेलगांव की कमल बसदि (कला का एक आश्चर्यकारी नमूना) तथा गोआ की यात्रा करनी चाहिए। बादामी से विश्वप्रसिद्ध हम्पी (विजयनगर साम्राज्य की राजधानी) की ओर यात्राक्रम रहेगा। बादामी के लोभ में स्तवनिधि, गोआ जैसे क्षेत्र या तो छूट जाएँगे या यात्रा लम्बी हो जाएगी और क्रम ठीक नहीं रहेगा।
जिले के अन्य जैन स्थल बीजापुर(विजयपुर) ज़िला भी जैन धर्म का प्रसिद्ध केन्द्र रहा है । आज भी उसके निम्नलिखित स्थानों में जिनमन्दिर अच्छी हालत में या ध्वस्तावस्था में विद्यमान हैं । ये स्थान हैं अलगुरु (Alaguru, आदिनाथ बसदि, जमखंडि तालुक), अरसिबिडु (Ars bidu, मन्दिर, बीजापुर ज़िला), बागलकोट (Bagalkot, पार्श्वनाथ बसदि), एरगल (Ergal, जिनालय, सिंदगी तालुक), गडर (Gudur, महावीर चैत्यालय, हनगंद तालक), होनवाड (lonvad, पार्श्वसूपाव जिनालय, बीजापुर ज़िला), हुनश्याल (Hunshyal, पद्मावती मन्दिर, सिंदगी तालुक), हुनगुंद (Hungund, जैन देवालय, बीजापुर जिला), इन्दि (Indi, आदिनाथ बसदि, इन्दि तालुक), इंग्लेश्वर (Ingleshvar,