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________________ 298 / भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (कर्नाटक) ठहरने की व्यवस्था यहाँ प्रशान्त वातावण में ठहरने की बड़ी सुन्दर आधुनिक व्यवस्था है। एक बड़ा सभाभवन या हॉल, आठ कमरे, रसोईघर, भण्डारगृह (स्टोर) और एक बड़ा भोजनालय यहाँ पक्के बनाए गए हैं। बोरवेल (गहरे किए गए कुएं) से दस हज़ार गैलन पानी की व्यवस्था की गई है जिसका लाभ गाँवों के लोग भी लेते हैं । नल और बिजली की सुन्दर व्यवस्था है। इस आधुनिक विश्रामगृह का निर्माण और बिजली की व्यवस्था 'गोम्मटगिरि सेवा समिति' की ओर से 1975ई. (महावीर निर्वाण 2500वाँ वर्ष) में चार लाख रुपयों की लागत से कराया गया है । यहाँ ठहरने में केवल एक ही कठिनाई है कि यहाँ कोई दूकान या आबादी नहीं है। इसलिए अपना भोजनादि लेकर जाने वाले या वहीं अपने सामान से बनाने वाले यहाँ ठहर सकते हैं। अन्य यात्रियों को वापसी की बस का समय भी पता कर लेना चाहिए, अन्यथा कठिनाई हो सकती है। कुछ गतिविधियाँ इस क्षेत्र पर निर्मित उपर्युक्त विश्राम-धाम धीरे-धीरे लोकप्रिय होता चला जा रहा है। आस-पास के गांवों के लोग बाहुबली के सम्मुख विवाह-कार्य सम्पन्न कराना शुभ मानने लगे हैं। कर्नाटक सरकार भूमि अनुसंधान और संरक्षण से सम्बन्धित विद्यार्थियों के वर्ष में चार शिविर यहाँ लगाती है। इसी प्रकार ध्यान, योगाभ्यास आदि से सम्बन्धित संस्थाएँ भी यहाँ तीनतीन सप्ताह के शिविर लगाती हैं। कनोटक सरकार के वन-विभाग ने यहाँ क्लिप्टस के पड़ लगाकर इस स्थान को और भी आकर्षक बना दिया है। लोकनिर्माण विभाग ने यहाँ पक्की सड़क बना दी है और पुरातत्त्व विभाग ने इस मूर्ति को संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया है। क्षेत्र की व्यवस्था के लिए 'श्री गोम्मटगिरि क्षेत्र सेवा समिति' है जिसका पता इस प्रकार है-श्री गोम्मटगिरि क्षेत्र सेवा समिति, चामुण्डी बसतिगृह, चन्द्रगुप्त रोड, मैसूर--1 वास्तव में, इस क्षेत्र के लिए अथक प्रयत्न करने वाले प्रमुख वयोवृद्ध श्रावक हैं श्री सी. बी. एम. चन्द्र य्या। ये हर यात्री की हर सम्भव सहायता करने के लिए तत्पर रहते हैं और उनका एक ही काम है—गोम्मटगिरि क्षेत्र की उन्नति। उपर्युक्त पते पर वे उपलब्ध रहते हैं। उनके टेलिफोन नं. हैं-चामुण्डी वसतिगृह 21 5 36, कार्यालय 23541 और निवासस्थान 21209 । ये ही फोन नं. सेवा समिति के समझने चाहिए। क्षेत्र का पता नीचे लिखे अनुसार Shri Gommatgiri Kshetra P.O. Halebcedu Bilikere Hobli, Hunsur Taluk Dist. -Mysore, Karnatak गोम्मटगिरि से यात्री को वापस मैसूर लौट जाना चाहिए। नोट गोम्मटगिरि की यात्रा के बाद कर्नाटक के जैन तीर्थों और स्मारकों की यात्रा समाप्त होती है। अब आगे के पृष्ठों में मैसूर जिले के अन्य जैन स्थलों का संक्षिप्त परिचय दिया
SR No.090100
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1988
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size23 MB
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