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________________ 288 / भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (कर्नाटक) ठहरने की व्यवस्था-चिकपेट मन्दिर में एक ओर नीचे दूकानें हैं और ऊपर सात छोटेछोटे कमरे हैं। सभी के लिए एक छोटा-सा स्नानघर है। रेशमी साड़ियाँ और अन्य प्रकार के कपड़ों के लिए प्रसिद्ध चिकपेट बाज़ार में स्थित होने के कारण यहाँ बहुत भीड़ रहती है। ___ उपर्युक्त मन्दिर के पास ही श्वेताम्बर मन्दिर भी है। वहाँ पहले से सूचना देने पर यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी हो जाती है। मन्दिर के बिलकुल पास में 'सावित्रम्मास दिगम्बर जैन धर्मशाला' भी है किन्तु वह अधिक उपयोगी नहीं है, जगह भी मिलना मुश्किल है। मन्दिर और उपर्युक्त धर्मशाला कटरा जैसी गली में है। बस तो वहाँ तक जा ही नहीं सकती, कार भी मुश्किल से जा पाती है। यात्रियों को परामर्श दिया जाता है कि वे रंगस्वामी स्ट्रीट के मन्दिर की आधुनिक सुविधाओं से युक्त धर्मशाला में ठहरें। मन्दिर का पता है श्री महावीर स्वामी दिगम्बर जैन मन्दिर (टेम्पल) 29, डी. के. लेन, चिकपेट क्रॉस, बंगलोर-560053. बंगलोर के गान्धीनगर में भी संगमरमर का एक सुन्दर मन्दिर है। संस्थाएँ–बंगलोर में अनेक संस्थाएं हैं जिनमें प्रमुख हैं-श्रमण भारती (जयनगर), महावीर संघ (चिकपेट मन्दिर में), कूष्माण्डी महिला समाज, महावीर मिशन और एम. टी. जैन बोडिंग (कृष्णराजेन्द्र रोड पर) तथा जैन मिलन। जैन परिवार-अनुमान है कि बंगलोर में लगभग एक हज़ार जैन परिवार हैं। चिकपेट में ज्यादातर श्वेताम्बर भाई निवास करते हैं तो दिगम्बर परिवार राजाजीनगर, मागडी रोड, विजयनगर, जयनगर तथा वसन्तगुडी जैसे उपनगरों में रहते हैं। मिल्क की साडियों आदि का बहत बडा केन्द्र है। यहाँ राजस्थानी और गुजराती जैनों की अनेक दूकानें हैं। बहुत से तंग रास्तेवाले कटरे या बाजार भी यहीं हैं। कन्नडभाषी परिवार भी बहुत काफी संख्या में हैं। बंगलोर के अन्य दर्शनीय स्थल 1. विधान सौध-रेलवे स्टेशन से तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर तथा कब्बन पार्क के उत्तर में सफेद ग्रेनाइट की यह भव्य इमारत है । इसमें कर्नाटक विधान सभा और राज्य के सचिवालय हैं। इस भवन पर रविवार और छुट्टियों के दिन रोशनी की जाती है जो अच्छा दृश्य प्रस्तुत करती है। 2. लालबाग-यह एक वनस्पति उद्यान (Botanical Garden) है। इसका निर्माण हैदरअली और टीपू सुलतान ने लगभग दो सौ वर्ष पूर्व कराया था। लगभग 240 एकड़ में फैले इस उद्यान में करीब एक हजार प्रकार के पेड़-पौधे हैं । यहाँ का मुख्य आकर्षण काँच का एक मण्डप है जिसमें वागवानी सम्बन्धी प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं। ३, कब्बन पार्क (Cubbon Park)-लगभग तीन सौ एकड़ में फैला यह पार्क विधान
SR No.090100
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1988
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size23 MB
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