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________________ बंगलोर | 285 बंगलोर कर्नाटक की राजधानी बंगलोर को शीतल, स्वास्थ्यवर्धक एवं एक उद्यान-नगर के रूप में सभी जानते हैं। सांस्कृतिक, साहित्यिक और औद्योगिक नगरी के रूप में भी इसकी ख्याति है। दक्षिण भारत की यात्रा में यह दर्शनीय नगरी होने के साथ ही साथ, कर्नाटक की प्राचीन कला एवं स्थापत्य के लिए भी प्रवेशद्वार है। बहुत-से पर्यटक अब यहीं से कर्नाटक की यात्रा प्रारम्भ करते हैं। अवस्थिति एवं मार्ग बंगलोर रेलमार्ग द्वारा भारत के सभी प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ है । दिल्ली, बम्बई, अहमदाबाद, कलकत्ता, गुवाहाटी, मद्रास और त्रिवेन्द्रम तथा मंगलूर से सीधी गाड़ियों द्वारा यहाँ पहुँचा जा सकता है। हवाई जहाज द्वारा यहाँ दिल्ली, कलकत्ता, हैदराबाद, मद्रास, बम्बई, मंगलोर, कोयम्बटूर और कोचीन से यहाँ पहुंचना आसान है। सड़क-मार्ग द्वारा अब दूर-दूर के स्थानों से आरामदायक बसों में यहाँ पहुँचना सरल हो गया है। जहाँ हैदराबाद से रेल द्वारा बंगलोर पहुँचने में कुछ कष्ट ही होता है वहाँ आरामदायक बसें एक ही रात में यह यात्रा सम्पन्न करा देती हैं। ये बसें कर्नाटक एवं सम्बन्धित सरकारों के अतिरिक्त निजी बसवालों द्वारा भी चलाई जाती हैं। कर्नाटक सरकार का पर्यटन सूचना केन्द्र बंगलोर सिटी रेलवे स्टेशन पर भी है। अनेक स्थानों के लिए पर्यटन बसों में यहाँ रिजर्वेशन कराया जा सकता है। एक ही दिन में पर्यटक बस श्रवणबेलगोल, बेलर और हलेबिड की यात्रा करा देती है। कमी सिर्फ यह रहती है कि श्रवणबेलगोल में पर्यटक केवल गोमटेश्वर महामूर्ति के ही दर्शन कर पाता है । गैर-सरकारी लोग भी अनेक पर्यटक बसें विभिन्न स्थानों के लिए चलाते हैं । पर्यटकों को परामर्श दिया जाता है कि वे समय से पहले, जहाँ तक सम्भव हो, लम्बी दूरी की यात्रा के लिए सरकारी बसों में ही रिजर्वेशन कराएँ। __बंगलोर का रेलवे स्टेशन बड़ा है किन्तु भीड़-भाड़ आदि की दृष्टि से इतना सुविधाजनक नहीं है। स्टेशन से बाहर आने पर सामने ही कर्नाटक सरकार का बस स्टैण्ड है। उसके दो भाग हैं-एक बंगलोर शहर में चलने वाली बसों के लिए है (ओवर ब्रिज के पास) और दूसरा बंगलोर से बाहर जाने वाली बसों के लिए। यहाँ का बस स्टैण्ड बड़ा, साफ-सुथरा, व्यवस्थित औ सुविधाजनक है। इसी स्टैण्ड पर शहर की बस-गाइड और कर्नाटक बस-मार्गों का नक्शा, ये दोनों मिलते हैं। इन्हें ले लेने से बहुत-सी परेशानी बच जाती है। यहाँ बसों में सीट का अग्रिम आरक्षण भी होता है। शहर में पर्यटन की बसें भी यहाँ से मिलती हैं। __ जो यात्री होटल में ठहरना चाहते हैं, उनके लिए बस स्टैण्ड के तीनों ओर फैली होटलों की श्रृंखला है। भोजन के लिए शाकाहारी होटल ही है यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए। वैसे
SR No.090100
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1988
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size23 MB
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