________________
जैन इतिहास की प्रायश्यकता
प्रो० श्री सत्यफेतु विद्यालंकार, गुगकुल कांगड़ी प्राचीन भारतीय इतिहास का जो पता प्राज-कल चल रहा है, उसमें जैन राजाओं राजमन्त्रियों और सेनापतियों आदि के जबरदस्त कारनामे मिलते जा रहे हैं अब ऐतिहासिक विद्वानों के लिये जैन इतिहास की जरूरत पहले से बहुत बढ़
-अहिंसा और कायरता पृ० २८ महावीर की शिक्षा से शारति
हैदराबाद सत्याग्रह के प्रथम डिक्टेटर श्री महारमा नारायण स्वामी भगवान महावीर ने दुनिया को सच्चा सुख और शान्ति देने वाली अहिंसा धर्म की शिक्षा दी। पश्चिमी देश के लोग अहिंसा पर विश्वास नहीं रखते यही कारण है कि वहाँ लड़ाई के बादल उठते रहते हैं।
अहिसा प्रचारक भ० महावीर लाला दुनीचन्द प्रधान महर्षि स्वामी दयानन्द सानोषण मिशन होशियारपुर भगवान् महावीर उन सबसे बड़े पूज्य महापुरुषों में से हैं जिन्होंने अहिंसा का जबरदस्त प्रचार किया। मेरा तो यह विश्वास है कि संसार में सच्चे सूख की प्राप्ति बगैर अहिंसा के असम्भव है।
बर्द्धमान महावीर के सम्बन्ध में जो भी लिखा जाय कम है
महात्मा मगवानदीन जी भरी जवानी में भरे घर और भरपुर भण्डार को छोड़ चल देने वाले यथा नाम तथा गुण वर्द्धमान् के बारे में जो लिखा मिलता है वह सुनने में बढ़ाकर लिखा गया सा जान पड़ता है। परन्तु असल में उनके भीतर जलती ज्वाला के सामने वह बढ़कर लिखा हुआ भी कम रह जाता है।
- वीर देहली १७-४-१९४८ पृ० ७ जैनधर्म का अपरिग्रहवाद
त्यागमूति श्री गणेशदत्त स्वामी प्रधान मन्त्री सनातन धर्म समा __ इस सच्चाई से कौन इन्कार कर सकता है कि अपरिग्रह से जीवन की उन्नति होती है । ब्राह्मण और संन्यासी का दर्जा समाज की दृष्टि में इसीलिये सबसे ऊंचा है । जैन धर्म में इस अपरिग्रह को बहुत ऊंची पदवी मिल सकी है।
साईन्स के सबसे पहले जन्मदाता भ० महावीर
__ रिसर्च स्कालर पं० माधवाचार्य जैन फलासफरों ने जैसा पदार्थ के सूक्ष्म तत्व का विचार किया है उसको देखकर भाज-कल फलासफर बड़े पाश्चर्य में पड़ जाते हैं, वे कहते हैं कि महावीर स्वामी प्राजकल की साईन्स के सबसे पहले जन्मदाता हैं।
-अनेकान्त सम्वत् १९८६ पृ० १७२। अहिंसा के महान् प्रचारक भगवान महावीर
बौद्ध मिक्षु प्रो० श्री धर्मानन्द जी कोशकी भगवान महावीर ने पूरे बारह वर्ष के तप और त्याग के बाद अहिंसा का सन्देश दिया। उस समय हिंसा का अधिक जोर था। हर घर में यज्ञ होता था। यदि उन्होंने अहिंसा का सन्देश न दिया होता तो आज भारत में अहिंसा का नाम न लिखा जाता।
-भ० म० का आदर्श जीवन पृ० १२ मांस और लहू खुदा को नहीं पहुंचता
हिज हाइनेस राइट आनरेबल सर आगा खां जानवरों का मांस या लह खुदा को नहीं पहुंचता तो उसके नाम पर बेगुनाह जीवों की हत्या क्यों की जावे ?
-मांसाहार भाग २ पृ०६२
५२८