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साठ हजार बार बटया के भाव धारण किये। पांच करोड बार शिकारी के भय ।
बीम करोड चार हाथी के, माट करोड़ बार गधं के भब माटायचार नपु'मक के भर. बीम करोड़ बार जारी क भव धारण किये।
मारद्वाज का जीव महेन्द्र वर्ग में प्राकर कशास्त्र में लीन हो गया और विदाही का भग धारणा कर लिया लप के बाल से भडन्द्र बम में देवश्रा पुनः पार करने में भूनल पर अधोगति को पान प्रा. कुवेगवेट याशिकाकी, गधा
श्रीवा घास. कुना. बलाब श्रादि काम्नयामा किया.