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विआचार्य श्री हिासाग । महाराज
नाभिराय कुलकर आय एक करोड़ पूत्र, शरीर की ऊचाई ५२५ धमुप । इनके समय में उत्पन्न होने वाले बमों की नाभि में नाल आने लगा। उसे काटने की विधि बतलाई भोजनांवृक्ष नष्ट हो गये थे, इन्होंने पेड़ों के पलों को, धान्य को तथा ईख के रम को पीने स्वाने का उपाय बतलाया इसलिए । इन्हें इक्ष्वाकुहस सार्थक नाम से कहने लगे। इनके पुत्र श्री ऋषभनाथ जी हुए ।