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स्वस्थान संक्रमण
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भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन गाकोश स्वस्थान संक्रमण - Svashant Sankruneta.
यंत्र देव । A type of Karmir transition.
स्वात्म रक्षा-Svarna Roksa. सक्रमण के दोघे एकदा स्वस्थान में अर्थात अपने ही Selt detence, the principle ot nan-violence. अन्य सरहकृष्टियों में रावण करना अर्धा त परिणमन शुद्ध भाव या आरम रसः। आगम में स्व और अन्य प्राणियों को करना।
अहिंसा का सिद्धान्त म्यात्म रक्षा के लिये ही है। स्वस्थान संयत-5vasthana Sunytu.
स्वात्मा-Svetamit See - Sustaare Apranmattr.
The own soul. देखें - स्यस्यान अप्रवत्त । मूल य उत्तर गुणों से मण्डित, व्यक्त आस्पद्रव्य, निज स्पला। अप्पक्त परिणाम रहित कषायों का अनुमागका अक्षपन
यों का अनुमांगक अक्षपन स्वाध-Svadva. होते हए भी ध्यान में लीन अपपत्तसंपत स्वस्थान अप्रगत
Worth tasting, appetising. कहलाता है।
आहार के 4 पदों में एक । मुख का स्वाद बदलने के लिये स्वस्थान सन्निका-5vasthina Sannikarsu.
खान याले जोग, इलायची अादि पदार्थ म्याध कहलाने है। Relalvity of karmarwith matter, region, Imeetc. स्वाधीन-Svidhint. लगन्नकार्य के दो भेदों में एक किसी विवक्षित एका कर्म का
Self dependent अदृष्य र बाल एवं भाव विषयक सन्निकर्ष होता है पाह
स्वतत्र, आत्माधीन । सिद्धो का सुख संसार के विषयों से अतीत स्वस्थानसन्निकर्ष कस्लाता है।
स्याधीन अव्यय होता है। स्वस्थान-स्वस्थान-अवस्थान -
स्वाधीन सुख-Svirihina Sukher. Niyarthiwr-Smutharn-Auathana Supreme bliss. Acivilias done by one in own birth placa. संसार की समस्त विनय - कापायों की रहिसाना से प्राप्त सूख । यह अचने उत्पन्न होने से ग्राम, नमार अपया अरण्य में ना बना
सुखसिसी पूत होता है। घलना अदिव्यापार से युक्त रहने का नाम स्वस्थान-स्वस्थान
स्वाध्याय-Swadhyaya. अवस्थान है।
Thorough spiritual study & contemplalion. स्वहस्त क्रिया - Shahruste Krive.
आरमहिल की पायना से सत्-शास्त्रका वाचन मनन या.उपदेश Doing some work by oneself
आदि देना स्वाध्याय है अथवा आलस्य छोड़कर ज्ञान की साम्पराधिक आसद सम्बन्धी 25 कियाओ में एक क्रिया. दूसरे आराधना में तत्पर रहना क्वाध्याय नाम का तप है। इसके द्वारा करने योग्य कार्य को स्वयं संपादित करना।
याचना, पृच्छना. अनुप्रेक्षा, आन्नाय, धर्मोपदेश5थेट । स्वहिंसा-SVedrinisd.
स्वानुभव - Svarunbhara Passionata feelings as volitional violence.
Spiritual balization or intuition. भावासा - प्रमाद से युक्त आत्मा पहिले स्वयं अपने द्वारा ही
आत्मानुभय। गारमसुरुका देदन ही स्वानुभव है। अपना घात करता है अर्थात् रागादिप्रमाण भाव ही स्थहिंसा है।
स्वानुभव दर्पण -Swdnubhava Darpana स्वहित - Sarita.
Name of a realise written by Acharya One's Own benefit, benefiting self.
Yogendudev. हित के दो भेदों में प्रथम भेद - आत्मब्ति ।
आचार्य योगेन्दुदेव (ई.. 6) Eारा विरचित अध्यात्म विषयक स्वजाति-Svajiti
माकृत गाधाबस था इसमें 109 गाधाएँ । One of the noble cesta.
स्वानुभूति-Svarubhari चार उत्तम जातियों (दिव्या, विजयाश्रिता, परमा, स्वा) में एक Self realization or Intuition. जाति जो मुरू जीवों के होती है।
आत्मानुभूति आत्मा का अनुभव यान जोसम्ययाच स्वरूप है। स्वाति-Svari
स्वानुभुत्यावरण-Svāsubhityavarana. Name of the 11th funar among all 24 in which An abscurring Karma of self realization. Lord Mahaviragol salvation. Narsat tha स्वानुभूति (सम्यक्त्य) पर आचरण करने वाला अर्थात् नहीं governing dalty of Tapniyak aummit of
प्रकट होने देने याला वार्म | Mankhosrar mountain, Nama of a peripatetic deily of Shraddhavan mountain silugled in
आनंव-svābhavika Anciinda. Hrimser region.
Supreme natural bliss, supreme pleaBUTE. 28 नवनों में 11वां नक्षत्र इसी नक्षत्र में पगवान महावीर स्वामी निश्चय मोक्षमार्ग के अनेक नामों में एक नाम, समस्त विकल्पों को निर्माण प्राप्त हुआ था। इसका अधिपति देवता अनिल है। से रहित परम समाधि में उत्पन्न होने वाला सुख । मानुषोत्तर पर्वत की आय दिशा के सपनीयक एटमा स्वामी स्वाभाविक क्रिया - Svbhavika krisd. देव मात्र अलावान पर्वत (नाभिगिरि) का निवासी एक Natural activitles of manter.