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स्मरण
भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शवकोश अभिव्यक्त होता है। स्फोटयाद का जैनाचार्यों ने निराकरण किया स्यात्कार-Syirkira.
Words having different meanings. स्मरण -Smarana
अनेकान्नार्थक पाठक शब्द । Rertemberance, memoration
स्यात्परम -Jyapurima. पतितान का एक नामान्तर. स्मृट्रिी। पहले जानी हुई वस्तु को
Exposition of soul in the aspect of steadiness. पालान्तर में याद किण जाग।
पारिणमिक भाग अर्थात् स्वभाष मे अचन्नति की अपेक्षा जीव स्मरणाभास - Smaranibhisn.
का कथन। False rememberance or memory
स्यादपेलन - Syitterrtana. देखें वमने पदाथका कालान्तर में उसका स्मरण न हाकार Exmositional soul as Inanimate becauseaf its उसकी जगह दूसरे का स्मरण होना स्मरणभास है।
relationship with Karmas, which are inanimale स्मितगिरि - Smitagiri.
पन अर्चनन है एव जीव से सम्बद्ध है. इस दट से जीय के Name of a mountain of Bharat Kshetra (region)
अचेतन कह देना। परत क्षध एक पर्वत ।
स्यादनेकत्व-Sadanekane. स्मितयश - Smitayater.
To have different characteristics in a matter The grandson of Bharat Chakravarti &the son (in some aspect). of Anklai
एक ही दव्य में अनेक स्वभावों की लपलचिों होना इससे द्रज्य स्वाधु-वशी भरत उकचर्ती के पुत्र अकीर्ति का पुत्र । अपने पुत्र । करत अनेक स्वभाषी शाहलाता है। को राज्य देकर दीक्षा ग्रहण कर पोक्ष प्राप्त किया । स्यादनेक प्रदेशत्व - Syirtarneka trueleserva. स्मृति - Sunri.
A matter with different dispositions (in some Memory. rememberance, recollection
aspect). मति. स्मृति, चिंता, संजा, अभिनिधोध ये एकार्यवायी हैं। दृष्ट, भेद जल्पना सापेक्ष अशुद्ध प्याथिक नय की अपेक्षा से एक ही शुत और अनुभूत अर्थ को विषय करने वाले जान को र द्रव्य में अनेन प्रदेशों की उपलब्धि होना। धर्म, अध, आकास कहते है। देखें - स्मरण ।
और जीवद्रव्य के अनेक या नाना पदेस स्वभाव है। स्मृत्यनुपस्थान - Smrtyamuparharia.
स्यायपरम-Sylidaparand. Non-concentration of mind.
Characleristic unstability of a matter. सायाश्येक व्रत का एक अलिचार। चित की चंचलत्ता से पाठय्य के रामान्य 11 स्वभावों में एक स्वभाव, कचित् अपने आदि को भूल जाना अधात चित्त की एकाग्रता न होना व मन में स्यमाव पै अचलदृत्ति न होना । समाधिसपता का न होना।
स्यादभेदत्व-Swidablhetene. स्मृस्यंतराधान - Smrtyajirvarlidhana.
Uni-expression of virtuous-one & virtues like Forgetfulness (an infraction).
to gey fire & Its heal both are the same. वित का एक अतिचार । निश्चित की हुई मर्यादा का स्मरण न
किसी दृष्टि में गुणी और गुण में भेद न होना, जैसे- अनिकी रखना अथवा उसका भूल जाना ।
उष्णता अनि से अभिन्न है। स्पंदन -Syandana..
स्यादमूर्त - Syadamirta. Splendouraus charlots of Chakravarties
Non-physical nature (in sorme aspect). (emparors).
परमभाव ग्राहक व्यर्थिक नय की अपेक्षा मुदगल के अतिरिक्त रथ-चक्रवर्ती ग्लदेवों के पदने योग्य जो होते हैएवं सर्व आयुधों जय, म. अधर्म, आकार और कालपयकथंधित अमूर्तस्वभाव से परिपूर्ण पवन के समान वेगवाल, धुर के टूट जाने पर भी थाले । जिनके चक्कों की रचना इस प्रकार की होती है कि गमागमन स्थाय
स्यादवक्तव्य-Syadavaktavya.
- wildinent में बाधा नहीं पड़ती वे स्पंदन कहलाते है।
The 4th Phong of Sapableringt-exposition of the स्याच्येतन - Sydrcelana.
nature of the substance in the sapec of Exposition of soul in the apped of conslousness indescribability. चेतन स्वभाव प्रधानता की अपेक्षा जाय का कथन ।
सप्तमंगी का पौधा घंग, हम्य स्वदध्य क्षेत्र काल भाव से और
पस्ट्रव्य क्षेत्र कालभाव से मुगपद साधतान किया जाने से कवित् R R - Syarchuddha.
अवक्तव्य है। Exposition of sout in the aspect of omniscience. केवलशान अर्थात स्वभाव प्राप्ति की अपेक्षा जीव का कथन। स्यावशुष्यत्व-Syddasuddhavre, स्यात् - Sir.
Nature relaled to impurity of matters in some
espect Possibly, perhaps
द्रव्य का एक सामान्य स्वभाव । शुद्ध के विपरीत अर्थात् कथाचित् कथंचित-किसी अपेक्षा से।