________________
सिंह
562
भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शश्वकोश के अनुसार वैशाली इस देश की राजधनी थ भगमन marks. One of the eight auspiciousamblems महावीर की ननिहाल थी ।
of Lord Arihan.
तीर्थकर की माता 16 स्वप्नों में 12 व स्वप्न, अहत के 8 सिंह - Sinitha.
प्रतिहार्यो में एक प्रतिहार्य । Lion. One of the 12 Zodiac signs (Leo), One of
सिकंदर - Sikandara. tha sB planets, the 43:"planet. जंगल का राजा शेर, 12 राशियों में एकराशि, 88 हो Agreat warrior, the son of emperor Philips
Yunan & disciple of Areslu. 43 वा प्रह।
युनान के बादश:: फिलिम का पुष: अरस का शिष्य, ई. सिंहचंद्र - Simhacandra.
1356 में इसका जन्म हुआ एवं ई. [ 323 में मृत्यु हुई। Name of the 5" predestined Bulhade.
सिद्ध - Sidatta आगामी पंचवां बलभद्र ।
The salvated soul, the supreme one. सिंहनदि - Sinnarctindi.
5 परमेष्ठी में दूसरे परमेष्ठी, शुक चैनना रूप लक्षण से युक, Name of many Bhattaraks.
अश्कर्मों से रहित एवं 8 गुणों से सहित लोक के जनभाग में नोटमंE बलात्कार गणभभानुनाद कशष्यवमुनाद
य त मक्त आत्मा । (समय-586-6131, मनदि कृत 'लोक विभाग' के संस्कृत
सिद्धकेवली - Siddhatevati. रूपान्तर के कर्ता। इसके अलावा भी इस नाम के अनेक
The salvaled soul, the salvated omnisclent. भवारक हप हैं |
.......
मी को लिए केवणी हो। सिंहनादपुर - Sinhaustupture
सिद्धगति - Siddluegari. Another name of Sinhapuri which is the birth
Stale of salvation froe from bleth-death cycle place of Lord Shreyansanalh. तीर्थकर श्रेयांसनाथ की जन्म नगरी, सिंहपुरी का अपरनाप ।
and all passions.
वहां पर जन्म, अरा, भरण, भय, संयोग, वियोग, दुख, संज्ञा सिंहनिष्क्रीडित व्रत-Sinhaniskridira Vinita.
और रोगादि नहीं होसे है मिरगति कहलाती है। ठसे A lype of perticular and procedural vow.
उपचार से पंचमगति भी कहा गया हैगी कभी नए नहीं होती। यह व्रत जचन्य, मध्यम उत्कृष्ट के भेद से तीन प्रकार का है। विधि पूर्वक जघन्य तप में 60, मध्यम तप में 153 उपवास
सिद्धचक्क कहा - Sidalhacakka kahi.
Name of an Apabhrash trealise written by एच उत्कृष्ट तप में 496 उपवास किये जाते हैं।
Narsen on Shripal. Mana-Sundari. सिंहपुरी - Sinhapuri.
श्रीपाल, मैना-संदरी विषयक अपभ्रंषा भाषा बनरसेन द्वारा The birth place of Lord Shreyansnath
रॉचत एक कृति । भगवान श्रेयांसनाथ की जन्मभूमि बनारम (३.प्र.) से. किमी.
सिद्धचक्रायंत्र वृहत् - Sidhncakra YatraVrhnt दूर यह तीर्थ स्थली स्थित है। यह एक प्राचीन दिगम्बर जैन
Amalalte plate angreyed with some auspicious मंदिर है और भगवान श्रेयांसनाय की 11 फुट * पचासन
mystic words & diagrama. प्रतिमा भी एक कैन धर्मशाला परिसर के उमान में विराजमान
सिद्धचक्र के विशिह मंत्रों द्वारा विभिन्न रेखाकृतियों में चित्रित है। वर्तमान में यह नीर्थ बौदों का पर्यटन स्थल सारनाम्य के
यंत्र । नाम से प्रसिदहै।
सिद्धचक्र यंत्र (लघु)सिंहवाल- Sirintabala.
Siddhacakra Yantra lagtan). Name of a greal Achery
See - Siddhacakra Yamira Uplat. लोहाचार्य के पश्चात् हुए आचार्यों में एक आचार्य ।
देखें- मिरचक्र यंत्र वृहत् ।। सिंहवाहिनी - Sirhravahini.
सिद्धचक्र विधान - Sidtthacakra Vidhdna. Name of the bed, a dominion of Bharat
A great Busplclous specific methodical worship Chakravarti.
ping of Lord Siddha composed by Pandit Santial परत चक्रवती की एक विभूति शव्या का नाम ।
& Ganini Shri Gyanmali Mataji. सिंहसेन - Simhasena.
सिडों के गुणों का वर्णन करने वाला एक पूजा विधान जिसे Father's nemaor Jaina-LId AnanInath. The करके मैना सुंदरी में भाग्ने पनि बोपाल का कुष्ठ रोग दूर किया prime chief disciple of Lord Ajltrath
था, पंदित संतलाल (ई.श. 17-18) द्वारा भाषा संदों में शिन ती कर अनशनाय के पिता, तीर्थकर अजितन्गय के प्रथम
विधान। मणिनी मार्थिका श्री ज्ञानमती मासासी बारा भी इ.स. गमावर का नाम ।
1992 में मिख्यक विधान की रचना की गई। सिंहासन - Sinhdsasna
सिद्धथाकाटक पूजा -Siddhacokrastaka Praja. A Throne. The 12th dream-merk of T'trankor's Name of a worshipping composition composed
na-Lord's) mother among all 16 dream by Shrulsagar.