________________
वचनयोग
वचनयोग - Vacanayoga.
Vibration in soul-painls because of speech. योग के तीन भेदों में एक भेद, क्वन के निमिव से आत्मप्रदेशों मे होने वाला परिस्वदन ।
वचनवंदना - Vacana Varmalani
Expressing reverential greetings by speech. साधुओं का एक कृतिक पथ परमेठी के गुणों का यनों के
द्वारा महत्व प्रष्ट करना ।
वचन विवेक
Vacana Viveka.
Wiseful speaking. Conscious speech विवेक का एक भेद: क्रोधादि कषाय उत्पन्न होने पर मा इत्यादि वचन का प्रयोग न करना ।
कवनशुद्धि - Varane Sindhi.
Paiite & wise speech
-
वचनातीत
Vacanãtita.
See Vacanagocardlin वचनगोचरातीत ।
देखें
वचनालाप
Uttering or speaking बोलना ।
-
Vacanalapa.
पीडादायक कठोर या असभ्य वचन नहीं बोलना तय हितमित वजदंत - Vajradumia.
मधुर वचन बोलना ।
क्ज़ - Vajra.
Name of the 1st & 68th chief disciples of Lord Abhinandannath & Lord Adinath respectively. A thunderboll, stroke of lightening. सीकर अभिनंदननाथ के प्रथम एवं भगवान आदिनाथ के 89वें गणधर का नाम, एक अब इसकी मार से पर्वत भी चूर-चूर हो जाती है।
जकांड - Vajrajamda.
Name of the bow of Bharat Chakravarti (an emperory.
घरों के धनुष का नाम ।
466
राजघोष - Vajraghasa.
One who was soul of Lord Parshvanath & became an elephant after killed by Kamath. तीर्थकर पार्श्वनाथ का जो कम द्वारा मापा जाने पर सबकी
वन में घोष हाथी हुआ ।
यद्यनमर
Vajracamara.
Name of the first chief disciple of Lord Padmaprabhu.
सीकर पद्मप्रभु के प्रथम गणधर अपरनाम वज्रवार था । वजांच - Vajrajamgha.
Pasl-birth (f) name of Lord Rishabhdev Name of a king In whose palace Law & Kush were barn Name of descendant of Vidyadhar Naml.
1. लौकर पुनमदेव के आठवें पूर्व का खीव, जबकि उन्होंने अपनी रानी श्रीमती के साथ जंगल में सुगलिया मुनियों को आकार
भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश
दिया था। इस आहारदान के प्रभाव से बचा जीव भो
उत्पन्न हुआ और अंत में तीर्थंकर ऋषभदेव की पर्याय में पानी श्रीमती का जीव जो कि राजा श्रेयांस हुआ था, उसमे प्राथन आहार (इक्षुरस) प्राप्त किया। 2. पुण्डरीकपुर के राजा जिसके घर पर परित्यक्त अवस्था ने सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। 3. विद्याधर नाम का भज
वजतुंडा Vajrattumda.
A super power possessed by Bharal Chakravarti (an emperor) & by Lord Arahnath. चक्रवर्ती भरत की एक शक्ति, यह शक्ति तीर्थकर अरगाष्य के पास भी
-
वजदंड- Vajradruma
The symbol of Lord Dharmanaih. दान धर्मनाथ का चिन्ह |
Pasl-birth father of Lord Vasupujya, Father-inlaw of Vajrasangh, the Chakravarti (emperor) of Pindrikini city
तीर्थंकर वासुपूज्य के पूर्वभव के पिता, पुण्डरीकिजी नगर के चक्रवर्ती वज्रसंघ का श्वसुर ।
¦
वजार
Waisastham.
Name of the 11th Tirthankar (Jaina-Lord) of Videh region.
विदेह क्षेत्र में स्थित 20 तीर्थकरों में 11वें तीर्थकर चिन्ह शंख, पिता पचरथ एवं मता का नाम सरस्वती है। वजनंदि - Vajranautrdi.
Name of a disciple of Gunnandi of Nand group and & disciple of Acharya Pujyapad who eslablished Dravid group.
—
दिसंघ बलात्कारगण के अनुसार गुणनंदि के शिष्य तथा कुमारनंष्टि के गुरु समय-ई. 442-484 आधार्य पूज्यपाद के शिष्य । गुरु से बिगडकर द्रविद्धसंघ की स्थापना की। कृतियांनवस्तोत्र, प्रमाण ग्रथ | वजनाथि - Vajranñbhi.
Past birth soul of Lord Rishabhdev & Lard Parshvanath, Past-birth name of Lord Vimainath's father, Name of a chief disciple of Lord Abhinandannath.
भगवान ऋषभदेव के तीसरे तथा भगवान के चौथे पूर्वभव का जीय तीर्थकर विमलनाथ के पूर्वभव के पिला. भगवान अभिनंदननाथ के एक गणधर का नाम । वज्रनाराचसंहनन - Vajrandrācarashhanana.
An osteous alructure.
।
६ महनों में दूसरा संहनन, जिसमें मां दोनों ओर वज्रमय नाराच अधस् कील से जुड़ी होती हैं। यह नामकर्म की एक प्रकृति है। वज्रपंजपविधान
Vajrapakjaravidhāna.
Name of a treatise related to mystical theory. मंत्र-तंत्र विषयक संस्कृति पात्रा का एक ग्रंथ ।
-